हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को मंजूरी, एनसीआर में नेटवर्क से कम होगा बोझ, लागत 5,617 करोड़, जानिए खासियत
By भाषा | Published: September 15, 2020 06:35 PM2020-09-15T18:35:44+5:302020-09-15T18:35:44+5:30
परियोजना के पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। एक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक इस रेल लाइन से दिल्ली आने वाले यातायात में कमी आएगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) नेटवर्क में भीड़ कम होगी।
नई दिल्ली/चंडीगढ़ः सरकार ने मंगलवार को पलवल से सोनीपत तक महत्वपूर्ण हरियाणा ऑर्बिटल रेल गलियारा परियोजना को मंजूरी दे दी जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रेल नेटवर्क पर बोझ कम करेगी और राज्य के अन्य हिस्सों को भी जोड़ेगी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 5,617 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी होने वाली परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना के पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। एक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक इस रेल लाइन से दिल्ली आने वाले यातायात में कमी आएगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) नेटवर्क में भीड़ कम होगी।
इससे हरियाणा में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक केंद्र विकसित करने में भी मदद मिलेगी। यह परियोजना सोहना-मानेसर-खरखौदा के रास्ते संचालित होगी और दिल्ली से शुरू होने वाले सभी मौजूदा रूट के साथ ही हरियाणा से गुजरने वाले रूट और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर नेटवर्क से भी जुड़ेगी। यह रेल लाइन पलवल से शुरू होगी और मौजूदा हरसाना कलां स्टेशन (दिल्ली-अंबाला खंड पर) पर खत्म होगी।
रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार की संयुक्त उपक्रम कंपनी
यह मौजूदा पातली स्टेशन (दिल्ली-रेवाड़ी लाइन पर), सुल्तानपुर स्टेशन (गढ़ी हरसरू-फरुख नगर लाइन पर) और आसौधा स्टेशन (दिल्ली-रोहतक लाइन पर) को जोड़ेगी। यह परियोजना हरियाणा रेल आधारभूत ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एचआरआईडीसी) द्वारा क्रियान्वित की जाएगी, जो रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार की संयुक्त उपक्रम कंपनी है।
इस परियोजना में रेल मंत्रालय, हरियाणा सरकार और निजी हितधारकों की संयुक्त भागीदारी होगी। पूरी होने पर इस परियोजना से हरियाणा के पलवल, नूंह, गुरुग्राम, झज्जर और सोनीपत जिलों को फायदा होगा। बयान में कहा गया कि यह इस क्षेत्र से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर नेटवर्क तक सहज और उच्च गति की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी, जिससे एनसीआर से भारत के बंदरगाहों के लिये होने वाले आयात-निर्यात (एग्जिम) यातायात की परिवहन लागत और समय में कमी आएगी और माल का निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।
इसमें कहा गया कि यह कुशल परिवहन कॉरिडोर अन्य पहलों के साथ ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरा करने के लिए विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने के लिए बहु-राष्ट्रीय उद्योगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगी। यह परियोजना हरियाणा राज्य के सुविधा से वंचित क्षेत्रों को जोड़ेगी, जिससे राज्य में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसमें कहा गया कि यह बहु-उद्देशीय परिवहन परियोजना गुरुग्राम और मानेसर, सोहना, फरुख नगर, खरखौदा और सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्रों से विभिन्न दिशाओं में सस्ती, तेज नियमित यात्रा और लंबी दूरी की यात्रा भी उपलब्ध कराएगी। बयान में कहा गया कि इस लाइन के जरिये रोजाना लगभग 20,000 यात्री सफर करेंगे और हर साल पांच करोड़ टन माल ढुलाई भी होगी।