हरियाणा: सिर्फ सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने ली शपथ, मंत्रियों का नाम अभी तय नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2019 02:13 PM2019-10-27T14:13:05+5:302019-10-27T14:28:26+5:30
खट्टर ने बताया कि वह रविवार दोपहर सवा दो बजे राजभवन में शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो मंत्री शपथ लेंगे उनके नामों की जानकारी रविवार को दी जाएगी।
हरियाणा के राजभवन में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने शनिवार को मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश में अगली सरकार बनाने का न्यौता दिया था। इससे पहले भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद खट्टर ने जजपा और सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ प्रदेश में सरकार गठन का दावा पेश किया था।
खट्टर ने बताया कि 57 विधायकों, जिनमें भाजपा के 40, जजपा के 10 और सात निर्दलीय विधायक शामिल हैं, के समर्थन के साथ सरकार गठन के लिये राज्यपाल के समक्ष दावा पेश किया। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिये 46 सीटें होना जरूरी है। खट्टर ने बताया कि हरियाणा के राज्यपाल ने हमें रविवार को सरकार गठन का न्योता दिया। खट्टर ने कहा कि दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। खट्टर ने बताया कि वह रविवार दोपहर सवा दो बजे राजभवन में शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो मंत्री शपथ लेंगे उनके नामों की जानकारी रविवार को दी जाएगी।
मंत्री पद की रेस में शामिल थे ये दिग्गज
भाजपा के छह बार से विधायक अनिल विज, बनवारी लाल, सीमा त्रिखा और जजपा के राम कुमार गौतम और ईश्वर सिंह को नयी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा नीत गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे सात निर्दलीय में से कुछ विधायक और दिवंगत देवी लाल के बेटे रंजीत सिंह चौटाला भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। नयी सरकार दिवाली के दिन शपथ लेगी। खट्टर के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में भाजपा के वरिष्ठ नेता विज स्वास्थ्य मंत्री थे और वह छठी बार अंबाला कैंट सीट से निर्वाचित हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायक महिपाल ढांढा, घनश्याम सर्राफ, कमल गुप्ता, सुभाष सुधा और दीपक मंगल भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा की अगली सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जजपा के बीच शुक्रवार को करार हुआ था क्योंकि विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा बहुमत से छह सीट दूर थी। करार के तहत मुख्यमंत्री भाजपा का होगा जबकि उपमुख्यमंत्री का पद जजपा को मिलेगा।