हरियाणा ने यमुना में अमोनिया का स्तर कम करने के लिए कदम नहीं उठाये: दिल्ली सरकार ने न्यायालय में कहा
By भाषा | Published: April 15, 2021 08:49 PM2021-04-15T20:49:42+5:302021-04-15T20:49:42+5:30
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि हरियाणा ने यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री के प्रवाह से अमोनिया का स्तर बढ़ने के मामले में चिंताओं पर ध्यान देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने हरियाणा सरकार और उसके सिंचाई तथा जल संसाधन विभाग के जवाब पर शीर्ष अदालत में रिजॉइंडर हलफनामा दाखिल किया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 26 मार्च को हरियाणा सरकार तथा अन्य को निर्देश दिया था कि दिल्ली को यमुना नदी के जल की आपूर्ति पर यथास्थिति बनाकर रखी जाए। इस तरह न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी को जल की आपूर्ति में कमी नहीं होनी चाहिए।
इस साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय का रुख करने वाली आप सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से हरियाणा को ये निर्देश देने का अनुरोध किया है कि यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री और जल का प्रवाह रोका जाए तथा जल संकट से जूझ रही दिल्ली को पर्याप्त जल की आपूर्ति की जाए।
दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता एम के हंस के माध्यम से दाखिल रिजॉइंडर हलफनामे में हरियाणा और उसके संबंधित विभाग के पूरे जवाब को ‘असमंजस में की गयी कवायद’ करार दिया।
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