हरियाणा: 500 मेहमानों को दिया था निमंत्रण, बारात में गए केवल पांच, दूल्हा-दुल्हन ने मास्क लगाकर लिए सात फेरे
By बलवंत तक्षक | Published: March 30, 2020 07:33 AM2020-03-30T07:33:30+5:302020-03-30T07:33:30+5:30
दूल्हे सहित सभी बारातियों को मास्क लगा कर 90 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. इसी तरह मंगाली गांव से शादी के लिए हिसार जिले के गंगवा गांव पहुंची बारात में भी दूल्हे पवन के साथ सिर्फ पांच बाराती थे, जबकि 500 मेहमानों को शादी के लिए निमंत्रण पत्र बांटे गए थे. दोनोंं पक्षों ने कोरोना के चलते सादगी से शादी का फैसला किया.
हरियाणा के हिसार जिले के शिकारपुर और मंगाली गांव में हुई शादियों में दूल्हा-दुल्हन ने मास्क लगा कर फेरे लिए. शादी की यह तारीखें कई महीने पहले तय हो गई थींं, लेकिन कोरोना की वजह से अचानक हरियाणा में लोक डाउन हो गया और इसके साथ ही गाडियों की आवाजाही भी बंद हो गई.
शादी की खातिर दूल्हे पंकज के परिवार को दादरी जिला प्रशासन से घर से बाहर निकलने के लिए मंजूरी लेनी पडी. बारात को चरखी दादरी से हिसार जिले के शिकारपुर गांव में पहुंचना था. शादी धूमधाम से होनी थी और इसकी तैयारियां भी हो चुकी थी, लेकिन प्रशासन ने इसके लिए इजाजत नहीं दी. दूल्हे पंकज के साथ मुश्किल से उनके परिवार के केवल पांच लोगों को शादी में जाने की स्वीकृति मिल पाई.
दूल्हे सहित सभी बारातियों को मास्क लगा कर 90 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. इसी तरह मंगाली गांव से शादी के लिए हिसार जिले के गंगवा गांव पहुंची बारात में भी दूल्हे पवन के साथ सिर्फ पांच बाराती थे, जबकि 500 मेहमानों को शादी के लिए निमंत्रण पत्र बांटे गए थे. दोनोंं पक्षों ने कोरोना के चलते सादगी से शादी का फैसला किया.
इस दौरान बारातियों ने एक-दूसरे से दो मीटर की दूरी बनाए रखी. इस मौके पर पंकज ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से तय किए सभी नियम-कायदों का पालन किया. मास्क लगा कर फेरे लिए और दुल्हन को लेकर जब वापस घर लौटे तो रास्ते में पुलिस ने उनसे घर से बाहर निकलने की मंजूरी संबंधी कागजात भी चैक किए.
बिना मतलब घर से निकले तो मिलेगी सजा पजाब के पठानकोट में अब लॉकडाउन के दौरान बिना मतलब घर से निकलना महंगा साबित होगा. ऐसे लोगों को एक दिन की सजा मिलेगी. प्रशासन ने लमीनी स्कूल को क्वारंटाइन होम बनाया है. नियमों के उल्लंघन पर पूरा दिन उस व्यक्ति को स्कूल में रखकर कोरोना वायरस का जागरूकता का पाठ पढ़ाया जाएगा.
जिला प्रशासन ने कर्फ्यू को हल्के में लेने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए नया तरीका अपनाया है. प्रशासन ने साफ किया है कि सुबह सात से 11 बजे तक कर्फ्यू में किसी प्रकार की ढील नहीं दी गई है. केवल रोजमर्रा की वस्तुओं की दुकानों को खुला रखने के फरमान दिए गए हैं. डोर-टू-डोर सेवा का आम लोग लाभ उठाएं, सड़क का नजारा लेने निकलने वालों पर पुलिस बल कड़ी नजर रखेगा. वहीं, पास बनाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होगी. यह फैसला भीड़ को देखते हुए लिया गया है.