मौसम की मार और भीषण ठंड के आगे नहीं टिक पा रहे चीनी सैनिक, पूर्वी लद्दाख से 90 फीसद सैनिकों को वापस बुलाया
By अभिषेक पारीक | Published: June 6, 2021 03:01 PM2021-06-06T15:01:13+5:302021-06-06T15:08:29+5:30
पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र के करीब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। हालांकि यह सैनिक मौसम की मार और हड्डियां तक कंपा देने वाली सर्दी को झेल नहीं पा रहे हैं।
भारत के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे चीन को समझ नहीं आ रहा है कि वह भारत के सामने टिके रहने के लिए क्या करे। भीषण ठंक का सामना करने में चीन को बेहद परेशानी झेलनी पड़ रही है। यही कारण है कि ठंड से प्रभावित चीन के 90 फीसद सैनिकों को वापस भेज दिया गया है।
पिछले करीब एक साल से पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र के करीब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। हालांकि यह सैनिक मौसम की मार और हड्डियां तक कंपा देने वाली सर्दी को झेल नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि चीन को अपने 90 फीसद सैनिकों को बदलना पड़ा है और नए सैनिकों को दूसरे क्षेत्रों से यहां लाया गया है।
ठंड नहीं झेल पा रहे चीन के सैनिक
बताया जा रहा है कि चीन की सेना पर पिछले साल ठंड का बेहद असर हुआ था। जिसके कारण सर्दियों के मौसम में कई तरह की दुर्घटनाओं का भी शिकार होना पड़ा था। भारतीय पक्ष के पास ऐसे कई प्रमाण हैं। चीन पैंगोंग झील क्षेत्र में ऊंचाई पर स्थित चैकियों में तैनात सैनिकों को लगभग रोजाना बदल रहा था।
भारत भी बदलता है सैनिक
भारत भी अपने सैनिकों को हर साल बदलता है। हालांकि बदलने वाले सैनिकों का फीसद 40 से 50 ही होता है। इन विषम परिस्थितियों में आईटीबीपी के जवानों का कार्यकाल कई बार दो साल से भी ज्यादा होता है। दोनों देशों ने पिछले साल अप्रैल-मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। वहीं इस साल की शुरुआत में दोनों देशों के बीच पेंगोंग क्षेत्र में तैनाती हटाने और गश्त बंद करने पर सहमति बनी थी।
भारतीय सेना रख रही चीन पर निगाह
इस इलाके में चीन के सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद हैं और गहराई वाले क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर अभ्यास मे जुटे हैं। वे कुछ ही घंटों में भारतीय मोर्चे तक पहुंच सकते हैं। भारतीय सेना ने भी इस इलाके में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और चीन की गतिविधियों पर निगाह रखी जा रही है।