45 साल से कम के लोगों को क्या राज्य नहीं दे सकते मुफ्त में कोरोना वैक्सीन? स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कही ये बात
By हरीश गुप्ता | Published: April 27, 2021 07:49 AM2021-04-27T07:49:26+5:302021-04-27T07:52:55+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन अटकलों को लेकर अपनी बात रखी है जिसमें कहा जा रहा है कि राज्य 45 साल से कम के लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन नहीं दे सकती हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्पष्ट कर दिया है कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों को अपने सेंटर व अस्पताल में मुफ्त वैक्सीनेशन देने के लिए राज्य सरकारें पूरी तरह स्वतंत्र हैं।
लोकमत समाचार के साथ विशेष बातचीत में डॉ. हर्षवर्धन ने इन खबरों का पूरी तरह से खंडन किया कि केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि 45 साल से कम उम्र के लोगों को केवल निजी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही वैक्सीन उपलब्ध होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सरकार की स्पष्ट नीति के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाने के अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि नीति में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोग कोविन एप्प पर पहले से रजिस्ट्रेशन करवाकर निजी अस्पतालों से वैक्सीनेशन करवा सकते हैं।
'वैक्सीन के लिए केवल निजी अस्पतालों में जाने की बाध्यता नहीं'
हर्षवर्धन ने कहा, 'ऐसी कोई भी नीति नहीं है कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए केवल निजी अस्पतालों में ही जाना होगा। राज्य सरकारों को उत्पादकों से वैक्सीन हासिल करने के अधिकार दे दिए गए हैं। राज्य सरकार उत्पादकों से बातचीत कर कीमत निर्धारित कर सकती हैं।'
केंद्र सरकार पहले और दूसरे चरण की वैक्सीननेशन नीति के तहत घोषित सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें 45 वर्ष से ऊपर के लोग भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री द्वारा तय नीति के तहत सभी फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्कर्स के अलावा 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जा रही है।
आपूर्तिकर्ताओं से वैक्सीन हासिल करके केंद्र सरकार तय प्रक्रिया के तहत 50 प्रतिशत राज्य सरकारों को उपलब्ध कराएगी। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि कुछ राज्य या निहित स्वार्थी लोग क्यों यह अफवाह फैला रहे हैं कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों के वैक्सीननेशन के लिए केवल निजी अस्पतालों को ही अधिकृत किया गया है।