उत्तराखंड: कांग्रेस के 'संकट मोचक' हरीश रावत हुए बागी? ट्वीट कर लिखा, 'उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे'
By विनीत कुमार | Published: December 22, 2021 03:02 PM2021-12-22T15:02:18+5:302021-12-22T15:29:33+5:30
उत्तराखंड में हरीश रावत ने बुधवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट कर कयासों को हवा दे दी है। माना जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है, पर अभी कुछ भी साफ नहीं हो सकता है।
देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस के सामने यहां भाजपा को बाहर कर सत्ता में वापसी करने की चुनौती है। इन सबके बीच कांग्रेस के बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कयासों का बाजार गर्म कर दिया।
कुछ महीनों पहले पंजाब में कांग्रेस के लिए 'संकट मोचक' की भूमिका निभाते नजर आए हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा कि सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खडा हो जा रहा या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
हरीश रावत के ट्वीट के क्या हैं मायने?
हरीश रावत ने ट्वीट किया, 'है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!'
#चुनाव_रूपी_समुद्र
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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हरीश रावत आगे लिखते हैं, 'फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।'
गांधी परिवार के करीबी माने जाते रहे हैं हरीश रावत
हरीश रावत वैसे हमेशा से गांधी परिवार के करीबी ही माने जाते रहे हैं। हाल में जब पंजाब में कांग्रेस के लिए बड़ी मु्श्किलें पैदा हो गई थी तो उन्हें ही वहां का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि हरीश रावत ने ये तीन ट्वीट कर आखिर क्या कहना चाहा है। फिलहाल, ये साफ नहीं हो सकता है कि उनका ट्वीट किस संदर्भ में हैं।