हार्दिक पटेल ने बिहार CM नीतीश कुमार पर कसा तंज, कहा- 'चाचा ने मुझे मिलने के लिए नहीं बुलाया'
By एस पी सिन्हा | Published: June 30, 2018 08:06 PM2018-06-30T20:06:52+5:302018-06-30T20:06:52+5:30
तीन दिन का कार्यक्रम बनाकर बिहार पहुंचे हार्दिक पटेल ने आज पटना के एसकेएम हाल में अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उनकी इच्छा दिल्ली पहुंचने की है और वे जानते है कि दिल्ली का रास्ता बिहार से होकर ही गुजरता है।
पटना, 30 जून: गुजरात से निकल पाटीदार नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने के लिए पटना पहुंचे हार्दिक पटेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि इस बार चाचा ने मुझे मिलने के लिए भी नहीं बुलाया। उन्हें यह डर सता रहा होगा कि कहीं मुझसे मिलेंगे तो दिल्ली से उन्हें डांट पड जाएगी। वहीं, तीन दिन का कार्यक्रम बनाकर बिहार पहुंचे हार्दिक पटेल ने आज पटना के एसकेएम हाल में अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उनकी इच्छा दिल्ली पहुंचने की है और वे जानते है कि दिल्ली का रास्ता बिहार से होकर ही गुजरता है। हार्दिक ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हे सम्मेलन में नही पहुंचने देने के लिए कई प्रयास किये गये। हालांकि नीतीश सरकार के साथ केन्द्र की मोदी सरकार पर शब्दों के बाण चलाने वाले हार्दिक को गुगल के जरिये पता चला कि बिहार पिछडा राज्य है। आरक्षण को लेकर आंदोलन करने वाले हार्दिक पटना में किसान और शिक्षा पर लोगों के बीच बात रखते नजर आये। पटेल जागरण सम्मेलन में हार्दिक ने यह ऐलान कर दिया कि वो बिहार में अगले दो साल में कुर्मियों की रैली करेगें। उन्होंने कहा कि गुजरात मे हमारी संख्या 2 करोड है और बिहार में सवा करोड लेकिन यहां के समाज के लोग छिप-छिप कर कहते हैं कि नीतीश मेरे मुख्यमंत्री हैं।
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उन्होंने कहा कि मैं किसी समाज का विरोधी नहीं लेकिन कोई समाज मजबूत है तो हमें भी मजबूत होना होगा। बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक एक हो जाये तो कोई नही टिक सकेगा। हार्दिक ने कहा कि मैं गांधी को मानता हूं, सरदार बल्लभ पटेल को भी मानता हूं लेकिन कोई अंग्रेज बनने की कोशिश करेगा तो हम भगत सिंह भी बनेंगे। हार्दिक पटेल ने नीतीश कुमार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने रास्ता बदल लिया है हमने नहीं। मुझे किसी का डर नही है, क्योंकि मुझे नालंदा से चुनाव नही लडना है। अगले दो साल में पटना के गांधी मैदान में 10 लाख लोगों की रैली होगी। उन्होंने कहा कि जब बिहार के कुर्मी ओबीओ में शामिल हो सकते हैं तो गुजरात के कुर्मी को यह आरक्षण क्यों नहीं? हार्दिक ने कहा कि बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक को एकजुट होना होगा। तभी हमारे समाज को सही हक मिल सकता है। उन्होंने कहा कि 1993 की कुर्मी रैली के मंच पर चढे लोग कहां से कहां पहुंच गए पर कुर्मी वहीं के वहीं रह गए।
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श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पटेल जागरूकता सम्मेलन में हार्दिक ने कहा कि बिहार के कुर्मी, धानुक और कुशवाहा समाज जिसकी आबादी बीस प्रतिशत से भी अधिक है। समाज के लिए कुछ नया करना ही हरेक आंदोलन का मकसद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास हमें आगे बढने के लिए प्रेरित करते हैं, हम शिवाजी और सरदार पटेल के वंशज है। बिहार में पटेल समाज की राजनीतिक रैली कुर्मी चेतना रैली हुई। कई लोग मंत्री बने, विधायक बने, लेकिन समाज को क्या मिला? बिहार के लव कुश समाज को यह सोचना होगा। सामाजिक आंदोलन का लाभ व्यक्ति को नहीं, बल्कि समाज को मिलना चाहिए। हम सिद्धांत के लिए बोलने से किसी भी व्यक्ति के दबाव में नहीं आ सकते।
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