दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर लेह में तैनात, चीन और पाकिस्तान पर नजर, रात या दिन, लक्ष्य भेदने में समर्थ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 12, 2020 05:39 PM2020-08-12T17:39:26+5:302020-08-12T17:48:27+5:30

आर माधवन ने कहा, ‘‘ सशस्त्र बलों की खास एवं विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष डिजाइन के तहत विकसित यह दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ में एचएएल की अहम भूमिका को परिलिक्षत करता है।’’

HAL produced two Light Combat Helicopters deployed operations high altitude Leh sector  short notice support IAF missions | दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर लेह में तैनात, चीन और पाकिस्तान पर नजर, रात या दिन, लक्ष्य भेदने में समर्थ

रात हो या दिन, वह किसी भी तरह के लक्ष्य को भेदने में समर्थ है। उसमें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समुचित हथियार ले जाने की क्षमता है।

Highlightsऊंचाई वाले स्थान से इस हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरकर एक छद्म लक्ष्य को भेदा। एलसीएच ने बहुत ही कम तापमान वाले अग्रिम स्थानों पर तेज तैनाती के अपने कौशल का सफल परिचय दिया।एचएएल के अनुसार एलसीएच अपनी अत्याधुनिक प्रणाली और उच्च सटीक हथियारों की वजह से बहुत ही अहम हथियार प्रणाली है।

बेंगलुरुः हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बुधवार को कहा कि वायुसेना के मिशन में सहयोग के लिए कम समय के नोटिस पर उसके द्वारा निर्मित दो हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (लेह के) ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात किये गये हैं।

एचएएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा, ‘‘ सशस्त्र बलों की खास एवं विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष डिजाइन के तहत विकसित यह दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ में एचएएल की अहम भूमिका को परिलिक्षत करता है।’’

यहां कंपनी के मुख्यालय ने एक बयान में कहा कि वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल हरजित सिंह अरोड़ा ने हाल ही में एचएएल के टेस्ट पायलट विंग कमांडर (सेवानिवृत) सुभाष पी जॉन के साथ एक ऐसे अभियान में हिस्सा लिया और इस दौरान ऊंचाई वाले स्थान से इस हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरकर एक छद्म लक्ष्य को भेदा।

बयान में कहा गया है, ‘‘ उसके बाद वह हेलीकॉप्टर इसी क्षेत्र में बड़े ही जोखिम वाले एक हेलीपैड पर उतरा। एलसीएच ने बहुत ही कम तापमान वाले अग्रिम स्थानों पर तेज तैनाती के अपने कौशल का सफल परिचय दिया।’’ एचएएल के अनुसार एलसीएच अपनी अत्याधुनिक प्रणाली और उच्च सटीक हथियारों की वजह से बहुत ही अहम हथियार प्रणाली है।

रात हो या दिन, वह किसी भी तरह के लक्ष्य को भेदने में समर्थ है। उसमें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समुचित हथियार ले जाने की क्षमता है। एचएएल ने कहा कि वायुसेना और सेना को करीब 160 ऐसे हेलीकॉप्टरों की जरूरत है। बयान के अनुसार रक्षा खरीद परिषद ने 15 ऐसे हेलीकॉप्टरों की प्रारंभिक खेप के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

Web Title: HAL produced two Light Combat Helicopters deployed operations high altitude Leh sector  short notice support IAF missions

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