वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कार्य पूरा, सर्वे रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई
By विशाल कुमार | Published: May 16, 2022 01:00 PM2022-05-16T13:00:58+5:302022-05-16T13:05:04+5:30
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ कुछ हिंदू भक्तों द्वारा दायर एक मुकदमे पर मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए वाराणसी में एक दीवानी अदालत द्वारा पारित आदेशों को चुनौती देने वाली प्रबंधन समिति अजनुमान इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद में वाराणसी की एक अदालत द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। इस बीच, सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को संवाददताओं से कहा, “सोमवार को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक सर्वे करने के बाद अदालत द्वारा गठित आयोग (कोर्ट कमीशन) ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया। सर्वे कार्य से सभी पक्ष संतुष्ट थे।”
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ कुछ हिंदू भक्तों द्वारा दायर एक मुकदमे पर मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए वाराणसी में एक दीवानी अदालत द्वारा पारित आदेशों को चुनौती देने वाली प्रबंधन समिति अजनुमान इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।
मस्जिद कमेटी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने शुक्रवार (13 मई) को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया था।
वरिष्ठ वकील के सर्वेक्षण के खिलाफ यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देने के लिए मौखिक अनुरोध किया, तो सीजेआई ने कहा कि उन्हें अभी फाइलें देखना बाकी है।शुक्रवार शाम को मामले में इसे जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया।
वाराणसी की अदालत ने पांच हिंदू महिलाओं द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में प्रार्थना करने के लिए साल भर की पहुंच के लिए दायर याचिकाओं पर परिसर के निरीक्षण का आदेश दिया था। परिसर वर्तमान में वर्ष में एक बार प्रार्थना के लिए खोली जाती है।
स्थानीय अदालत ने पहले अधिकारियों को 10 मई तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, लेकिन मस्जिद समिति द्वारा मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का विरोध करने के कारण सर्वेक्षण नहीं हो सका था। इसके बाद अदालत ने मामले की दोबारा सुनवाई करते हुए सर्वेक्षण जारी रखने और जांच आयोग की रिपोर्ट 17 मई तक पेश करने का आदेश दिया।