ज्ञानवापी विवाद: वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' की पूजा करने जा रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने श्री विद्यामठ में किया नजरबंद, केदारघाट बदला पुलिस छावनी में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 4, 2022 02:21 PM2022-06-04T14:21:22+5:302022-06-04T14:30:05+5:30
विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूर्व घोषित पूजा कार्यक्रम के लिए जैसे ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ से ज्ञानवापी मस्जिद जाने के लिए निकले वाराणसी पुलिस ने उन्हें श्री विद्यामठ में ही नजरबंद कर दिया है।
वाराणसी:ज्ञानवापी मस्जिद के कोर्ट सर्वे में हिंदू पक्ष के द्वारा वजूखाने में मिले कथित 'शिवलिंग' के दावे पर काशी में सियासत तेज होती जा रही है। केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ के अधिपति और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमेक्तेश्वरानंद द्वारा ज्ञानवापी परिसर में मिले 'शिवलिंग' की पूजा के ऐलान के साथ आज पूरे वाराणसी में अफरा-तफरी का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जैसे ही केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ से ज्ञानवापी मस्जिद जाने के लिए निकले वाराणसी पुलिस की भारी तादात ने उन्हें घेर लिया और श्री विद्यामठ से बाहर निकलने से रोक लगाते हुए नजरबंद कर दिया है।
वाराणसी प्रशासन के इस कार्रवाई से नाराज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मठ के दरवाजे पर ही अनशन के लिए बैठ गए। उन्होंने कहा कि वाराणसी जिला प्रशासन या तो ज्ञानवापी में मिले आदि विश्वेश्वर की पूजा करने दे या फिर प्रशासन स्वयं उनकी पूजा करवा कर उन्हें सूचित करे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हिंदू शास्त्र विधान के मुताबिक जब संत दर्शन-पूजन का निश्चय कर लेते हैं तो दर्शन के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते हैं और चूंकि वाराणसी प्रशासन हमें विश्वेश्वर के दर्शन-पूजन से रोक रहा है, इसलिए हम अन्न-जल का त्याग करते हैं।
वहीं अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी जाने से रोकने में एसीपी भेलूपुर, एसीपी सिक्योरिटी, एसीपी दशाश्वमेध सहित करीब 10 थानों की फोर्स सहित पीएसी के सैकड़ों जवानों ने पूरे केदारघाट को घेर लिया है।
मौके पर मौजूद डीसीपी काशी राजेश गौतम और एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को कोर्ट का हवाला देते हुए ज्ञानवापी न जाने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द अपने गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि वो किसी भी कीमत पर ज्ञानवापी के वजूखाने में मौजूद 'शिवलिंग' की पूजा-अर्चना करके रहेंगे।
अविमुक्तेश्वरानंद ने पुलिस प्रशासन को तेचावनी देते हुए कहा कि या तो उन्हें पूजा करने की इजाजत दी जाए या फिर प्रशासन आदि विश्वेश्वर की पूजा करवा कर उन्हें बताए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक बार कोई संत पूजा के लिए निकल जाता है तो बिना पूजा किए भोजन नहीं ग्रहण करता है। हम भी पूजा के लिए निकल चुके थे और अब जब तक हम पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं ग्रहण करेंगे। चूंकि हमने पूजा के लिए ज्ञानवापी की ओर कदम बढ़ा दिये हैं, इसलिए हम मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं, इसलिए पूजा की इजाजत मिलने तक हम मठ के गेट पर ही बैठेंगे।
उन्होंने पुलिस प्रशासन से प्रश्न करते हुए कहा कि ज्ञानवापी में मिले 'शिवलिंग' के मामले में जब तक मामला कोर्ट में लंबित रहेगा क्या तब तक आदि विश्वेश्वर भूखे रहेंगे।
मालूम हो कि वाराणसी प्रशासन ने शुक्रवार शाम से ही केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ क्षेत्र को छावनी में तब्दील है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को रोकने के लिए कई थानों की पुलिस लगा दी गई थी।
इस मामले में वाराणसी प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरामंद ज्ञानवापी में जिस जगह पूजा की इजाजत मांग रहे हैं, वह परिसर विवादित है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के आदेश से वजूखाने को सील किया गया है और वह स्थान सीआरपीएफ की सुरक्षा घेरे में है।
इन परिस्थितियों के मद्देनजर शहर में शांति और कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। प्रशासन के इस आदेश के बावजूद यदि कोई कानून का उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करता है प्रशासन उसके खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई करेगा।