ज्ञानवापी विवाद: ओवैसी ने कहा, "संघी जीनियस पूछ रहे हैं कि बिना बिजली के बिना फव्वारा कैसे चलता है, अरे इसे ग्रेविटी कहा जाता है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 21, 2022 08:43 PM2022-05-21T20:43:09+5:302022-05-21T21:09:57+5:30
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में एक बार फिर दखल देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फव्वारे को इस्लामी वास्तुकला का अहम पक्ष बताते हुए अपनी बात को सिद्ध करने के लिए बिना बिजली के चलने वाले फव्वारे के बारे में विकिपीडिया और न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पुराने लेख के लिंक को साझा किया है।
दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को फिर से मुस्लिम पक्ष के फव्वारे वाले दावे को सही ठहराते हुए कहा कि इस्लाम में फव्वारे का प्रचलन 7वीं शताब्दी से चला आ रहा है।
फव्वारे को इस्लामी वास्तुकला का अहम पक्ष बताते हुए ओवौसी ने अपनी बात को सिद्ध करने के लिए बिना बिजली के चलने वाले फव्वारे के बारे में विकिपीडिया और न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पुराने लेख के लिंक को साझा किया है।
अपनी बात पर कायम रहते हुए ओवैसी ने कहा कि जब बिजली का आविष्कार नहीं हुआ था तब फव्वारे गुरुत्वाकर्षण के आधार पर काम किया करते थे। प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व ऐसे फव्वारे हुआ करते थे।
फव्वारा पर विवाद खड़ा करने के लिए हिंदू पक्ष की खिंचाई करते हुए ओवैसी ने लगातार दो ट्वीट करके कहा, "संघी जीनियस पूछ रहे हैं कि बिना बिजली के बिना फव्वारा कैसे चलता है, अरे इसे ग्रेविटी कहा जाता है। संभवतः दुनिया का सबसे पुराना कामकाजी फव्वारा 2700 साल पुराना है। प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठी शताब्दी ईसा पूर्व के फव्वारे थे। शाहजहां के शालीमार उद्यान में 410 फव्वारे हैं"
Sanghi geniuses are asking “how was there a fountain without electricity?”
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 21, 2022
It’s called GRAVITY (https://t.co/wQ1ItqEo2l)
Possibly the oldest functioning fountain in the world is 2700 years old
Ancient Romans & Greeks had fountains dating to 1st & 6th century BC 1/2 pic.twitter.com/ipR6SCG0s8
इसके साथ ही दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने कहा, "संघियों को विकिपीडिया लिंक के साथ छोड़ना क्योंकि इससे अधिक कुछ भी उनके लिए बहुत जटिल हो सकता है।"
Fountains are an essential feature of Islamic architecture since at least 7th century. Shahjahan’s Shalimar gardens has 410 fountains
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 21, 2022
Leaving Sanghis with a Wikipedia link since anything more than that maybe too complicated for them 2/2https://t.co/Xbgsr4hGg6
मालूम हो कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद परिसर के वजूखाना में शिवलिंग पाया गया है।
वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया कि जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, दरअसल वो फव्वारा है और मस्जिदों में प्रायः पाया जाता है।
मुस्लिम पक्ष के द्वारा हिंदू पक्ष को नकारे जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार ने बीते शुक्रवार को दावा किया कि हिंदू पक्ष कोर्ट की कार्रवाई में इस तथ्य को साबित कर देगा कि मस्जिद परिसर में पाया गया शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
उन्होंने कहा, "हम स्पष्ट तौर पर मानते हैं कि वजूखाने में शिवलिंग मिला है क्योंकि मस्जिद परिसर के बाहर अवस्थित नंदी की प्रतिमा उसी ओर देख रही है। इसलिए यह सिद्ध होता है कि वह स्थान मूल ज्योतिर्लिंगों में से एक है।”
वहीं इस मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह मामला बेहद जटिल और संवेदनशील दिखाई दे रहा है। इसलिए इस केस की सुनवाई कम से कम 25-30 साल अनुभवी वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को सौंपना चाहिए। इसलिए कोर्ट आदेश देती है कि ज्ञानवापी विवाद को वाराणसी की सिविल कोर्ट ट्रांसफर करके जिला जज की कोर्ट के सुपुर्द किया जाता है।