ज्ञानवापी विवाद: अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा, 'शृंगार गौरी की पूजा से कोई एतराज नहीं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 21, 2022 04:29 PM2022-05-21T16:29:49+5:302022-05-21T16:36:49+5:30
ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखाव करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी एमएस यासीन और वाराणसी शहर के मुफ़्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने शनिवार की सुबह वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से मुलाकात करके कहा कि हिंदू महिलाएं अगर श्रृंगार गौरी की पूजा करती हैं तो मस्जिद कमेटी को कोई आपत्ति नहीं है।
वाराणसी:ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखाव करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने बढ़ते हुए विवाद को शांत करने के लिए अब कहा है कि मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में दर्शन-पूजा होने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
इस बात की जानकारी देने के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी एमएस यासीन और वाराणसी शहर के मुफ़्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने शनिवार की सुबह वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से मुलाकात की।
जानकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्नर के साथ हुई इस मुलाकात में ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के लगभग सही सदस्य और वाराणसी में मुस्लिम धर्म के प्रमुख बुद्धिजीवी मौजूद थे।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से मुलाकात के बाद अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी एमएस यासीन ने कहा कि मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट के दिये जजमेंट से पूरी पूरी तरह से संतुष्ट है।
यासीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद से जुड़े केस को सिविल कोर्ट से जिला जज के पास ट्रांसफर कर दिया है। हमें उम्मीद है जिला जज प्लेस ऑफ वर्शिर एक्ट 1991 को ध्यान में रखते हुए मामले की सुनवाई करेंगे और मस्जिद को इंसाफ मिलेगा।
इसके साथ ही एमएस यासीन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी स्पष्ट करती है कि उसे मस्जिद परिसर स्थित शृंगार गौरी की पूजा-अर्चना से कोई आपत्ति नहीं है। शृंगार गौरी मंदिर मस्जिद से दूर है और बैरिकेडिंग से भी बाहर है। इसलिए हिंदू महिलाएं वहां पूजा करती हैं तो मस्जिद कमेटी को इसमें कोई एतराज नहीं है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी शहर देश और दुनिया में अपने सौहार्द और अमन-चैन के लिए जाना जाता है। इस शहर के हिंदू और मुलमान सदियों से मिलजुल कर रहते हैं। कहीं भी धार्मिक मनमुटाव नहीं है। पूरा बनारस अपनी रौ में बह रहा है, इसकी धारा में गंगा-जमुनी तहजीब घुली हुई है।
यासीन ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में मस्जिद गिराई गई थी, तब भी बनारस शांत था। हमारे पुरखे यहां सदियों से रहते चले आ रहे हैं, ये शहर जिंदादिल लोगों का शहर है और यही कारण है कि यहां अमन और चैन हर वक्त बरकरार रहता है।
मालूम हो कि ज्ञानवापी मस्जिद के इंतजाम को देखने के लिए साल 1922 में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी बनी थी और साल 1989 से एमएस यासीन ज्ञानवापी मस्जिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं।