राजस्थानः गुर्जर आंदोलन से वसुंधरा सरकार के फूले हाथ-पांव, 167 गांवों में इंटरनेट बैन और धारा 144 लागू
By रामदीप मिश्रा | Published: May 15, 2018 08:34 AM2018-05-15T08:34:26+5:302018-05-15T08:34:42+5:30
अन्य पिछड़ा वर्ग में से पांच प्रतिशत की आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच सोमवार रात तक कई दौर की मैराथन बैठक हुई।
जयपुर, 15 मईः राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों ने एक बार फिर सरकार के सामने समस्या खड़ी कर दी है। गुर्जर समुदाय आंदोलन की तैयारी में हैं, जिस पर आज फैसला लिया जा सकता है। आंदोलन की सुगबुगाहट के बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के हाथ पांव फूलने लगे हैं। उसने आनन-फानन में रेलवे को सतर्क करते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल के इंतजाम किए हैं।
आंदोलन की बात सामने आने के बाद भरतपुर की 80 पंचायतों के 167 गांवों में इंटरनेट सेवाओं पर 15 मई की शाम तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इधर, अन्य पिछड़ा वर्ग में से पांच प्रतिशत की आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच सोमवार रात तक कई दौर की मैराथन बैठक हुई।
सचिवालय में चली पांच घंटे की कई दौर की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि चर्चा सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि गुर्जर प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा सकारात्मक रही और कई मुद्दों पर समाधान निकाला गया। अगली बैठक गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ होगी।
गुर्जर संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा कि प्रस्ताव को मंगलवार को भरतपुर के बयाना कस्बे में होने वाली समाज की महापंचायत के समक्ष आगे की रणनीति पर निर्णय लेने के लिये रखा जायेगा। आरक्षण की मांग को लेकर आज से शुरू होने वाले गुर्जर आंदोलन को देखते हुए राजस्थान के भरतपुर में सुरक्षा के कडे़ बंदोबस्त किये गये हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिये पुलिस ने आरएसी की छह कम्पनियां मांगी है। भरतपुर के संभागीय आयुक्त सुबीर सिंह ने बताया कि पूरे भरतपुर जिलें में 31 मई तक निषेधाज्ञा 144 लागू की है और बयाना कस्बे में महापंचायत को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गयी है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिये छह आरएसी की कम्पनियां मांगी गई हैं।
गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार के साथ गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बारे में आज होने वाली समाज की बैठक में चर्चा करके आगे की रणनीति तय की जायेगी। इससे पूर्व सोमवार को दिन में समाज के सभी नेताओं ने भरतपुर में आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की।
पिछले वर्ष गुर्जर और अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिये अक्टूबर में राजस्थान विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत संबंधी एक बिल पास किया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने बिल पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि इससे आरक्षण सीमा बढ़कर 54 प्रतिशत हो जायेगी। उसके बाद उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य सरकार को आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत को पार नहीं करने के निर्देश दिये थे।
(खबर इनपुट-भाषा)