गुजराती धर्मगुरु का विवादित बयान- पीरियड्स में बनाया भोजन खाने से अगले जनम में बैल और कुतिया का जन्म होता है
By स्वाति सिंह | Published: February 18, 2020 01:00 PM2020-02-18T13:00:34+5:302020-02-18T13:00:34+5:30
स्वामीनारायण मंदिर में संत स्वामी कृष्णा स्वरूप ने अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के पीरियड्स के दौरान उनके हाथ का बना खाना खाने से पुरुष का दूसरा जन्म बैल के रूप में होगा।
गुजरात के कच्छ जिले के संत स्वामी कृष्णा स्वरूप ने पीरियड्स को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के पीरियड्स के दौरान उनके हाथ का बना खाना खाने से पुरुष का दूसरा जन्म बैल के रूप में होगा।
सोमवार को स्वामी कृष्णा ने अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही यह बात किसी कड़वी लगे, लेकिन सच्चाई यही है। कृष्णस्वरूप ने कहा कि संत इस बारे में बताने से इनकार करते हैं, लेकिन नहीं बताएंगे तो पता कैसे चलेगा। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को रसोई से दूर रहना चाहिए, वर्ना नरक जाने को तैयार रहना होगा।
वहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर कोई स्त्री अपने पीरियड्स में अपने पति के लिए खाना बनाती है तो वह निश्चित रूप से एक 'कुत्री' (कुतिया) के रूप में पुनर्जन्म लेगी। बता दें कि यह उपदेश स्वामीनारायण मंदिर में दिया गया है।
अभी हाल ही में सोमवार को गुजरात में कच्छ जिले में एक कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन पर आरोप है कि एक सप्ताह पहले उन्होंने कथित तौर पर 60 से ज्यादा छात्राओं को यह देखने के लिए अपने अंडर गारमेंट्स उतारने पर मजबूर किया कि कहीं उन्हें पीरियड्स तो नहीं हो रही है। यह संस्थान भुज के स्वामीनारायण मंदिर के एक न्यास द्वारा चलाया जाता है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 355 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसएसजीआई स्व-वित्तपोषित कॉलेज है जिसका अपना महिला छात्रावास है। यह कॉलेज क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय से संबद्ध है। इस मामले के सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग के सात सदस्यों के एक दल ने रविवार को छात्रावास में रहने वाली उन छात्राओं से मुलाकात की जिन्हें कथित रूप से यह पता लगाने के लिए अंडर गारमेंट्सपर मजबूर किया गया था कि कहीं उन्हें पीरियड्स तो नहीं आ रही। इससे पहले एक छात्रा ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि यह घटना 11 फरवरी को एसएसजीआई परिसर में स्थित हॉस्टल में हुई थी।
उसने आरोप लगाया कि करीब 60 छात्राओं को महिला कर्मचारी शौचालय ले गईं और वहां यह जांच करने के लिए उनके अंडर गारमेंट्स उतरवाए गए कि कहीं उन्हें पीरियड्स तो नहीं हो रही। जांच के बाद विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया ने कहा था कि लड़कियों की जांच की गई क्योंकि छात्रावास में पीरियड्स के दौरान लड़कियों के अन्य रहवासियों के साथ खाना न खाने का नियम है। छात्रावास की कर्मचारियों ने जांच करने का फैसला तब किया जब उन्हें पता चला कि कुछ लड़कियों ने नियम तोड़ा है। पुलिस ने पूर्व में कहा था कि उसने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है और महिला पुलिस अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया गया है।