गुजरातः पुरुष ही नहीं शेर भी होते हैं GAY, गिर राष्ट्रीय उद्यान में कई बार देखा गया समलैंगिक संबंध बनाते
By रामदीप मिश्रा | Published: September 22, 2019 03:02 PM2019-09-22T15:02:16+5:302019-09-22T15:02:16+5:30
गुजरात के गिर के जंगलों में शेरों और शेरनियों को समलैंगिकत जैसा बर्ताव करते हुए वन अधिकारियों, वन्यजीव संरक्षकों और शोधकर्ताओं ने कई बार देखा है।
समलैंगिक शब्द आपने महिला पुरुष के लिए आपने अक्सर सुना होगा, लेकिन यह जानकर ताज्जुब हो सकता है कि यह प्रकृति के लिए नया नहीं है। जीव-जन्तु भी समलैंगिक संबंध बनाते हैं। एक ताजा जानकारी के अनुसार, गुजरात के शेरों को कई बार समलैंगिक संबंध बनाने जैसा बर्ताव करते देखा गया है।
गुजरात के गिर के जंगलों में शेरों और शेरनियों को समलैंगिकत जैसा बर्ताव करते हुए वन अधिकारियों, वन्यजीव संरक्षकों और शोधकर्ताओं ने कई बार देखा है। उन्होंने 1973, 1999, 2016 और हाल ही में 2017 में इस तरह का बर्ताव पाया है। इसको लेकर अब तक सात अलग-अलग मामलों का अध्ययन किया गया है।
खबरों के अनुसार, 2017 में सासन के पास देवलिया इंटरप्रटेशन जोन में दर्ज किया गया, जहां चिड़ियाघर में शेरों को रखा जाता है। जोन के एक रक्षक ने कहा कि शेरों के बीच लड़ाई को रोकने के लिए हमने दो नर और दो मादा शावकों को अलग-अलग छोड़ा। नर शेरों को छोड़ने के दो दिन बाद उन्होंने एक संभोग और मैथुन करना शुरू कर दिया था।
नर शेरों में समलैंगिकता को पिछले साल "इकोलॉजी ऑफ़ लायंस इन ग्रेटर गिर एरिया" में भी दर्ज किया गया था, जो अमरेली के प्रकृतिवादियों डॉ. जालपन रूपपारा और पुरवेश काचा द्वारा किया गया एक अध्ययन था।
जालपन रूपपारा ने कहा कि हम संरक्षित क्षेत्र के बाहर अधिक से अधिक गिर में शेर की गतिविधियों को ट्रैक करते थे, अक्सर शेरों में 2.5 और 3.5 वर्ष की आयु के बीच हमने छद्म समलैंगिकता का अवलोकन किया, जिसमें प्रवेश नहीं हुआ। हालांकि, एक यौन क्रिया की अन्य सभी विशेषताओं को देखा गया था।
एक एशियाई शेर विशेषज्ञ और नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ के सदस्य एच एस सिंह ने कहा कि यह प्रवृत्ति आम तौर पर मादा शेरों के बिना खानाबदोश शेरों में देखी जाती है। बताया गया कि 1999 का अवलोकन उस समय के मुख्य वन संरक्षक बीपी पाटी द्वारा दर्ज किया गया था।
उन्होने बताया कि गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य में मेरी पोस्टिंग के दौरान, शेरों में समलैंगिक व्यवहार देखा गया और कई बार रिपोर्ट किया गया, मुख्य रूप से 1998 से 2000 तक। नर शेरों का मैथुन करने का पहला फोटोग्राफिक सबूत 1999 में राष्ट्रीय उद्यान के खोखरा रेंज में दर्ज किया गया था। 1999 में पाटी और दो अन्य वन अधिकारियों - चैतन्य जोशी और कौटिल्य भट्ट ने लगभग दो सप्ताह तक एक संभोग में संलग्न दो प्रमुख नर शेर देखे थे। यह मामला 2000 में जर्नल ऑफ बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के एक पेपर में प्रकाशित हुआ था।
पाटी ने गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य पर अपनी स्टडी में 'एशियाई शेर में समलैंगिकता' शीर्षक देकर कहा गया कि एशियाई शेर एक सामाजिक जानवर है और इसका प्राकृतिक यौन व्यवहार सामान्य रूप से विषमलैंगिकता के लिए प्रतिबंधित है, लेकिन कुछ अपवाद हैं। उन्होंने कहा कि गिर संरक्षित क्षेत्रों के एशियाई शेरों के विषम व्यवहार को 1973 में पॉल जोसलिन और 1987 में एस पी सिन्हा द्वारा विस्तार से वर्णित किया गया।