वास्तविकता से विपरीत हैं कोविड-19 पर गुजरात सरकार के दावे : उच्च न्यायालय

By भाषा | Published: April 12, 2021 06:52 PM2021-04-12T18:52:01+5:302021-04-12T18:52:01+5:30

Gujarat government's claims on Kovid-19 are contrary to reality: High Court | वास्तविकता से विपरीत हैं कोविड-19 पर गुजरात सरकार के दावे : उच्च न्यायालय

वास्तविकता से विपरीत हैं कोविड-19 पर गुजरात सरकार के दावे : उच्च न्यायालय

अहमदाबाद, 12 अप्रैल गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों को हो रही कठिनाइयों को लेकर सोमवार को राज्य सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वास्तविकता, सरकारी दावों के विपरीत है।

मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव कारिया की खंड पीठ ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा, “ लोग अब मान रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं। ”

उच्च न्यायालय ने विवाह समारोह में अतिथियों की संख्या मौजूदा 100 के बजाय 50 तक सीमित करने, अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करने, सभी तरह के जमवाड़ों पर रोक लगाने, कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या सीमित करने तथा हर सोसायटी में अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने जैसे कुछ सुझाव भी दिए।

गुजरात में पिछले दो दिन से रोजाना पांच हजार से अधिक मामले रिपोर्ट हो रहे हैं।

महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने उच्च न्यायालय को उन कदमों के बारे में जानकारी दी जो राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए उठाए हैं लेकिन पीठ ने अधिकतर स्पष्टीकरण स्वीकार करने से इनकार दिया। इनमें अस्पतालों में बेड और एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर की उपलब्धता शामिल है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा, “ आप जो दावा कर रहे हैं, स्थिति उससे काफी अलग है। आप कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन वास्तविकता उसके विपरीत है।”

पीठ ने कहा कि लोगों में ‘विश्वास की कमी‘ है।

अदालत ने कहा, “ लोग सरकार को कोस रहे हैं और सरकार लोगों को कोस रही है। यह मदद नहीं करेगा। हमें संक्रमण की इस श्रृंखला को तोड़ने की जरूरत है।”

कुछ मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि रेमडेसिविर की किल्लत है और लोग इस इंजेक्शन को प्राप्त करने के लिए एक अस्पताल के बाहर कतार में खड़े हैं, जिस पर त्रिवेदी ने अदालत को बताया कि जिन लोगों को इस दवाई की जरूरत नहीं है, वे भी एहतियाती उपाय के तहत इसे खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि मरीज का घर पर इलाज चल रहा है या उसमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं है और वह गंभीर नहीं है तो उसे रेमडेसिविर की जरूरत नहीं है। इंजेक्शन की आपूर्ति भी कम है।

त्रिवेदी ने कहा, “ सिर्फ सात कंपनियां इसे बनाती हैं। इसका उत्पादन 1.75 लाख शीशी प्रति दिन है। हम गुजरात के लिए रोजाना 25000 इंजेक्शन खरीद रहे हैं।”

उच्च न्यायालय ने पूछा कि जब लोग इस दवाई के लिए यहां और वहां भाग रहे हैं तब सरकार रेमडेसिविर की आपूर्ति को क्यों नियंत्रित कर रही है और यहां तक कि यह इंजेक्शन निर्दिष्ट अस्पतालों में भी नहीं है।

अदालत ने कहा, “ दवा उपलब्ध है, लेकिन सरकार इसे नियंत्रित कर रही है। लोग इसे क्यों नहीं खरीद सकते? सुनिश्चित करें कि यह हर जगह उपलब्ध हो। रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है। आपके पास सबकुछ उपलब्ध है। हम नतीजे चाहते हैं, कारण नहीं।”

कोविड-19 जांच पर अदालत ने कहा कि प्रयोगशालाएं आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट देने में कई दिन का समय ले रही है।

पीठ ने कहा कि इससे पहले तो आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट आठ, 10 या 12 घंटे में मिल जाती थी और अब यह करीब पांच दिन में मिल रही है।

जब त्रिवेदी ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने में देरी इसलिए हो रही है, क्योंकि प्रयोगशालाओं को हर दिन बड़ी संख्या में नमूने मिल रहे हैं, तो उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की, “ (यह इसलिए हो रहा क्योंकि) आपके पास बुनियादी ढांचा नहीं है। आपने केंद्र नहीं बढ़ाए।”

पीठ ने सरकार की यह भी दावा स्वीकार नहीं किया कि अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध हैं।

महाधिवक्ता ने लॉकडाउन की संभावना को लेकर अपनी आशंकाएं जताई और कहा कि यह गरीब और प्रवासी कामगारों की कठिनाई बढ़ाएगा।

अदालत ने राज्य सरकार से बुधवार तक विस्तृत रिपोर्ट दायर करने को कहा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल को सूचीबद्ध कर दिया।

गुजरात में रविवार को कोरोना वायरस के 5469 मामले आए जो महामारी शुरू होने के बाद एक दिन में आयी सबसे बड़ी संख्या है। इसके बाद कुल मामले 3.47 लाख के पार चले गए।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में रविवार को 54 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद मृतक संख्या 4800 तक पहुंच गई है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Gujarat government's claims on Kovid-19 are contrary to reality: High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे