गुजरात राज्यसभा चुनाव: चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2019 11:23 AM2019-06-18T11:23:07+5:302019-06-18T11:26:09+5:30
गुजरात कांग्रेस ने राज्य की दो राज्यसभा सीटों पर अलग अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को "असंवैधानिक" करार देते हुए रविवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है ताकि वह दोनों सीटें जीत सके। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्टगुजरात के दो राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर 19 जून को सुनवाई करेगा।
गुजरात कांग्रेस ने राज्य की दो राज्यसभा सीटों पर अलग अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को "असंवैधानिक" करार देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है ताकि वह दोनों सीटें जीत सके। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
चुनाव आयोग पर फिर सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक है। ऐसा करने का साफ मकसद है कि सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी दोनों सीटें जीत लें। अगर चुनाव एक साथ होता है तो एक सीट विपक्षी पार्टी को मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि दोनों सीटों पर एक साथ चुनाव हों क्योंकि अमित शाह और स्मृति ईरानी एक साथ लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। इस तरह की स्थिति में पहले भी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में एक साथ चुनाव हुए हैं।
चुनाव आयोग का तर्क
चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लोकसभा चुनाव जीतने का प्रमाण-पत्र 23 मई को ही मिल गया था, जबकि अमेठी से जीतने वाली स्मृति ईरानी को 24 मई को मिला। इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर हो गया। इसी आधार पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना है, लेकिन चुनाव एक ही दिन होंगे।
कांग्रेस की चिंता
गुजरात विधानसभा में बीजेपी का बहुमत हैं और उसके 99 विधायक हैं। अलग-अलग चुनाव होने पर ऐसा होने से अब दोनों सीटों पर बीजेपी को जीत मिल जाएगी, क्योंकि वहां प्रथम वरीयता वोट नए सिरे से तय होंगे। एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल जाती क्योंकि उसके पास भी 70 के करीब विधायक हैं।
संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए। एक ही बैलट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा।
चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे। ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा। इससे बीजेपी के दोनों उम्मीदवार आसानी से जीत जाएंगे। इससे पहले भी अगस्त 2017 में गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत को लेकर हंगामा मच चुका है।
6 सीटों पर 5 जुलाई को चुनाव
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित छह राज्यसभा सदस्यों के हाल ही में लोकसभा चुनाव जीतने के कारण उच्च सदन की रिक्त हुयी छह सीटों के लिये उपचुनाव पांच जुलाई को होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को जारी चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक बिहार, ओडिशा और गुजरात से रिक्त हुयी छह सीटों पर उपचुनाव होगा। इनमें से बिहार से एक, गुजरात से दो और ओडिशा से तीन सीट रिक्त हुयी हैं।
बिहार से रविशंकर प्रसाद, गुजरात से अमित शाह, स्मृति ईरानी और ओडिशा से बीजद के अच्युतानंद सामांत लोकसभा के सदस्य चुने गये हैं। जबकि ओडिशा से ही राज्यसभा सदस्य प्रताप केशरी देब के विधानसभा सदस्य चुने जाने तथा सौम्य रंजन पटनायक के इस्तीफे की वजह से ये सीटों खाली हुयी हैं।
इन सीटों पर उपचुनाव के लिये 18 जून को अधिसूचना जारी किये जाने के साथ ही निर्वाचन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत होगी। उम्मीदवारी के लिये नामांकन की अंतिम तिथि 25 जून होगी और 26 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 28 जून तय की गयी है और पांच जुलाई को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। मतदान के बाद शाम पांच बजे मतगणना होगी।
उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में शाह और ईरानी का कार्यकाल 18 अगस्त 2023 तक तथा प्रसाद का कार्यकाल दो अप्रैल 2024 तक था। वहीं पिछले साल अप्रैल में बीजद के राज्यसभा सदस्य बने पटनायक ने गत छह जून को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।