गुजरात: कार गिरवी रखी तब अस्पताल ने दिया शव, संक्रमण से मृत्यु के बाद परिजन नहीं चुका पाए थे बिल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 15, 2021 09:05 PM2021-04-15T21:05:05+5:302021-04-15T21:05:55+5:30

गुजरात के वलसाड़ जिले में सामने आया है. यहां परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने उनके रिश्तेदार की मौत के बाद मृत देह देने से इनकार कर दिया.

Gujarat car mortgaged hospital gave dead body family could not pay the bill after the death due to infection covid | गुजरात: कार गिरवी रखी तब अस्पताल ने दिया शव, संक्रमण से मृत्यु के बाद परिजन नहीं चुका पाए थे बिल

परिवार वालों के पास उस वक्त उनकी कार के अलावा कुछ नहीं था.

Highlightsअस्पताल की मांग थी कि पहले पूरा बिल चुकता किया जाए, इसके बाद शव सौंपा जाएगा. सरी गांव के एक व्यक्ति को कोविड की आशंका के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था.अस्पताल वालों ने अंतिम संस्कार के लिए मृत देह परिजनों को सौंपने से इनकार कर दिया.

अहमदाबादः कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में लोग एक-दूसरे की मदद कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इंसानियत के नाम पर दाग के सिवाय कुछ नहीं है.

कोविड योद्धा बन डॉक्टर जहां रोगियों को बचाने के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगाकर दिनरात अस्पतालों में डटे हैं, वहीं कुछ नफाखोर अस्पताल हैं जो खुद के फायदे के लिए मरीज के परिजनों तक को नहीं छोड़ रहे. ऐसा ही वाकया गुजरात के वलसाड़ जिले में सामने आया है. यहां परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने उनके रिश्तेदार की मौत के बाद मृत देह देने से इनकार कर दिया.

अस्पताल की मांग थी कि पहले पूरा बिल चुकता किया जाए, इसके बाद शव सौंपा जाएगा. वापी के एक जाने-माने अस्पताल '21 सेंचुरी' में एक हफ्ते पहले सरी गांव के एक व्यक्ति को कोविड की आशंका के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. जिसकी बीते मंगलवार को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. लेकिन अस्पताल वालों ने अंतिम संस्कार के लिए मृत देह परिजनों को सौंपने से इनकार कर दिया.

परिजनों का कहना है कि उन्हें पहले पूरे पैसे जमा कराने के लिए कहा गया. लेकिन परिवार वालों के पास उस वक्त उनकी कार के अलावा कुछ नहीं था. तो अस्पताल वालों ने मृत देह के ऐवज में उनकी कार ही गिरवी रखवा ली. तमाम लिखा-पढ़़ी के बाद मृत देह परिजनों को सौंपी गई. लौटानी पड़ी कार परिजनों ने अस्पताल की शिकायत पुलिस में की.

मामला थाने में पहुंचने और पुलिसबाजी से घबराए अस्पताल को आखिर कार परिजनों को वापस लौटानी पड़ी. हालांकि अस्पताल के एमडी डॉ. अक्षय नाडकर्णी का कहना है कि अस्पताल अपनी ओर से पहले ही कुल बिल में राशि कटौती कर चुका था. बावजूद इसके संबंधित परिवार बिल अदा करने में आनाकानी कर रहा था.

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