गुजरात बीजेपी में घमासान!, विजय रुपाणी से मिले विधायक, शपथ ग्रहण समारोह कल, कई मंत्री हटाए जाएंगे
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 15, 2021 05:46 PM2021-09-15T17:46:36+5:302021-09-15T17:48:43+5:30
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 99 सीटें जीतीं थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं।
अहमदाबादः गुजरात कैबिनेट विस्तार में एक दिन की देरी हुई है। भाजपा के सभी विधायकों को गांधीनगर पहुंचने के लिए कहा गया है। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा शुरू हो गई।
डिप्टी सीएम नितिन पटेल सहित विजय रुपाणी सरकार के सभी 22 मंत्रियों को हटा दिया जाएगा। गुजरात के नए मुख्यमंत्री और पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल ने विधानसभा चुनाव से एक साल पहले विजय रुपाणी के अचानक पद से हटने के दो दिन बाद सोमवार को शपथ ली थी।
रविवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए पटेल (59) को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन में एक सादे समारोह में राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण गुरुवार को होगा। प्रक्रिया के तहत मंत्रियों के शपथ ग्रहण के समय उनके नामों की घोषणा की जाएगी।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि मंत्री पद के कुछ उम्मीदवारों ने मंगलवार को राज्य भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल से मुलाकात की। राज्य भाजपा हलकों में अटकलें हैं कि क्या रुपाणी के नेतृत्व वाले मंत्रालय में डिप्टी सीएम नितिन पटेल को नए मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि जहां तक संभव होगा वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
राज्यपाल के कार्यालय ने पुष्टि की कि शपथ ग्रहण समारोह बृहस्पतिवार तक के लिए टाल दिया गया है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत के विशेष कार्य अधिकारी मनीष भारद्वाज ने बताया, ‘‘मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह बृहस्पतिवार को दोपहर डेढ़ बजे होगा।’’ भारतीय जनता पार्टी के गुजरात के प्रवक्ता यमल व्यास ने सुबह बताया था कि शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को गांधीनगर में दोपहर दो बजे के बाद होगा।
न तो भाजपा और न ही राज्य सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह टालने की कोई वजह बतायी है। भाजपा की गुजरात इकाई के प्रभारी भूपेंद्र यादव नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले लोगों के नाम तय करने के वास्ते पिछले दो दिनों से गांधीनगर में लगातार बैठकें कर रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि पटेल अपने मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करेंगे और कई पुराने नेताओं को युवा नेताओं के लिए जगह खाली करनी पड़ सकती है।