मौसम अलर्ट: 'वायु' से खतरा, गुजरात में हाई अलर्ट, कल टकराएगा तूफान
By महेश खरे | Published: June 12, 2019 08:49 AM2019-06-12T08:49:08+5:302019-06-12T08:49:08+5:30
चक्रवात 'वायु' से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाई अलर्ट पर है, जिसके गुरुवार को वेरावल तट पर पहुंचने की संभावना है. सौराष्ट्र और कच्छ में 13-14 जून को भारी बारिश की आशंका है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा.
लक्षद्वीप द्वीप समूह के पास अरब सागर के ऊपर बना चक्रवाती तूफान 'वायु' की रफ्तार बढ़ने लगी है. इसके आज गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है और यह गुरुवार को गुजरात के तट से टकरा सकता है. मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात 'वायु' वेरावल तट के करीब 650 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और अगले 12 घंटे में 'इसके तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलने' की आशंका है. रूपाणी ने गांधीनगर में कहा कि कच्छ से लेकर दक्षिण गुजरात में फैले समूची तटरेखा को 'हाई अलर्ट' पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि चक्रवात 'फनी' के दौरान ओडिशा में अपनाई गई आपदा प्रबंधन तकनीक को सीखने और उन्हें लागू करने के लिए गुजरात के संबंधित अधिकारी ओडिशा सरकार के साथ संपर्क में हैं.
मौसम विभाग ने कहा कि 'वायु' 13 जून को सुबह गुजरात के तटीय इलाकों में पोरबंदर से महुवा, वेरावल और दीव क्षेत्र को प्रभावित करेगा. इसकी गति 115 से 130 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है.
आपदा से निपटने के लिए तैयारी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 26 टीमें तैनात. हर टीम में करीब 45 कर्मी हैं. बचाव दल नावों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं. भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की इकाइयों को तैयार रखा गया है और निगरानी विमान और हेलिकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं. तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. तटों के समीप सुरिक्षत स्थलों पर राहत शिविरों की अस्थायी व्यवस्था की गई है. जरूरत पड़ने पर प्रभावित आबादी को इन शिविरों में शरण दी जा सकेगी.
प्रभावित होने वाले इलाकों में बिजली, फायरिब्रगेड, पलिस, पीडब्ल्यूडी विभाग अलर्ट पर.
शाह ने की तैयारियों की समीक्षा की
गृह मंत्री अमित शाह ने आज चक्रवात वायु के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को बरकरार रखने और चक्रवात से नुकसान होने की स्थिति में तत्काल उन सेवाओं को बहाल किए जाने पर भी बल दिया. मंत्रालय गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक की सरकारों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव के साथ निरंतर संपर्क में है. शाह ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे सक्रिय रहने के भी निर्देश दिए.