गुजरात विधानसभा चुनावः आखिर क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं बीजेपी के इतने सारे बड़े नेता?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 10, 2022 02:28 PM2022-11-10T14:28:01+5:302022-11-10T14:28:01+5:30

गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने तो बीजेपी आलाकमान को खत भेजकर कहा है कि- उनकी जगह गुजरात चुनाव में किसी युवा चेहरे को मौका दिया जाए, तो गुजरात के उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।

Gujarat Assembly Elections: Why do so many big leaders of BJP do not want to contest elections? | गुजरात विधानसभा चुनावः आखिर क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं बीजेपी के इतने सारे बड़े नेता?

गुजरात विधानसभा चुनावः आखिर क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं बीजेपी के इतने सारे बड़े नेता?

Highlightsगुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने बीजेपी आलाकमान को खत लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कहीउन्होंने कहा- उनकी जगह गुजरात चुनाव में किसी युवा चेहरे को मौका दिया जाएगुजरात के उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है

अहमदाबाद: जैसी कि संभावना थी, गुजरात में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही बीजेपी का सियासी समीकरण बदल रहा है, गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी और नितिन पटेल सहित आधा दर्जन से ज्यादा बीजेपी के बड़े नेताओं ने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार किया है। 

गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने तो बीजेपी आलाकमान को खत भेजकर कहा है कि- उनकी जगह गुजरात चुनाव में किसी युवा चेहरे को मौका दिया जाए, तो गुजरात के उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। इन नेताओं के निर्णय स्वैच्छिक हैं, दबाव में हैं या सियासी तनाव में हैं, इस पर राजनीतिक चर्चाएं जारी हैं। राजनीतिक जानकार इसके अलग-अलग कई कारण बताते हैं....

एकः मोदी-शाह के एकाधिकार और एकतरफा निर्णयों से हताश नेता अपनी सियासी बेइज्जती करवाना नहीं चाहते हैं।
दोः वे प्रत्यक्ष युवा नेतृत्व को आगे लाने की बात कह कर पीएम मोदी को 2024 में लोकसभा चुनाव से हटने का और युवाओं को अवसर देने का अप्रत्यक्ष संदेश दे रहे हैं।
तीनः बीजेपी के कांग्रेसीकरण से मूल भाजपाई खुश नहीं हैं, लिहाजा वे राजनीतिक उदासीनता की ओर बढ़ रहे हैं।
चारः इस बार चुनाव में मतदाता बीजेपी का साथ देंगे, इसे लेकर संशय की स्थिति है, इसलिए पॉलिटिकल रिस्क लेने से बेहतर है, चुनावी मैदान से हट जाना।

बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के इतने सारे बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, तो इससे बीजेपी को क्या कोई नुकसान होगा? याद रहे, गुजरात के 2017 विधानसभा चुनाव में भी कांटे की टक्कर रही थी और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयान के बावजूद बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई थी, बीजेपी को 99 और उसकी मुख्य प्रतिंद्वद्वी कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं।

यह बात अलग है कि इसके बाद सियासी जोड़तोड़ के चलते विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 111 हो गई, लेकिन सियासी जोड़तोड़ से मूल भाजपाई खुश नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होना है, पहले चरण के लिए 1 दिसंबर 2022 को, जबकि दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर 2022 को मतदान होगा, जबकि मतगणना 8 दिसंबर 2022 को होगी। 

Web Title: Gujarat Assembly Elections: Why do so many big leaders of BJP do not want to contest elections?

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