दुश्मन सावधान, अब होंगे तेरे टैंक तबाह, DRDO ने गाइडेड मिसाइल का किया सफल परीक्षण, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 11, 2019 09:00 PM2019-09-11T21:00:19+5:302019-09-11T22:12:03+5:30
आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में फायरिंग रेंज से मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल प्रणाली का तीसरा सफल परीक्षण है, जिसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता के लिए विकसित किया जा रहा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्वदेश निर्मित ‘मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल’ (एमपीएटीजीएम) का बुधवार को सफल परीक्षण किया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह एमपीएटीजीएम के सफल परीक्षण की यह तीसरी श्रृंखला है। इसका इस्तेमाल सेना करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी। अधिकारियों ने कहा कि इस परीक्षण के साथ ही मनुष्य द्वारा ले जाने योग्य टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल की तीसरी पीढ़ी को स्वदेश में विकसित करने का सेना का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, “भारतीय सेना के मनोबल में बढोतरी के तहत डीआरडीओ ने आज कुरनूल रेंज से स्वदेश विकसित कम वजनी, दागो और भूल जाओ एमपीएटीजीएम का सफल परीक्षण किया।” मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल को मनुष्य द्वारा ढो सकने वाले ट्राइपॉड लॉन्चर से दागा गया और इसने निर्धारित लक्ष्य को भेदा।
#WATCH Successful test firing of the Man Portable Anti Tank Guided Missile system by DRDO from a firing range in Kurnool, Andhra Pradesh, today. pic.twitter.com/h8TLrbpv6n
— ANI (@ANI) September 11, 2019
मिसाइल को एक तिपाई से निकाल दिया गया था और लक्ष्य को एक कार्यात्मक टैंक बनाया गया था। मिसाइल ने शीर्ष हमले मोड में लक्ष्य को मारा और लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
The missile was fired from a tripod and target was simulated to be a functional tank. The missile hit the target in the top attack mode and completely destroyed the target. https://t.co/FOZcwmbliE
— ANI (@ANI) September 11, 2019
रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में विकसित कम वजन के मनुष्य द्वारा उठाये जाने योग्य टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का सफल परीक्षण किया। एक बयान में कहा गया कि एमपीएटीजीएम में एकीकृत वैमानिकी व्यवस्था के साथ अत्याधुनिक इमेजिंग इंफ्रारेड रडार (आईआईआर) है। पहला परीक्षण 13 मार्च, 2019 को किया गया था।
बयान के मुताबिक, दोनों मिशनों में मिसाइलों ने विभिन्न रेंजों पर निर्धारित लक्ष्यों पर निशाना साधा। मिशन के सारे उद्देश्य पूरे कर लिए गए हैं। विशाखापत्तनम से मिली खबर के मुताबिक, भारतीय तटरक्षक का पोत ‘वीर’ बृहस्पतिवार को यहां बेस पोर्ट पर पहुंच गया।
भारतीय तट रक्षक द्वारा खरीदे गए नए पीढ़ी के गश्ती पोत (ओपीवी) सीरीज में यह तीसरा पोत है । तटरक्षक ने एक बयान में कहा है कि जलावतरण के बाद इसे तट के पास के क्षेत्र में गश्ती के लिए तैनात किया जाएगा। निगरानी, तस्करी विरोधी और जलदस्यु रोधी अभियान में भी इसकी मदद मिलेगी। मध्य अप्रैल में इसे सेवा में शामिल किए जाने की संभावना है। यह पोत आधुनिक नौवहन और संचार के आधुनिक उपकरणों से लैस है।