बच्ची का स्तन दबाना यौन शोषण नहीं, जब तक स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट न हुआ हो: बॉम्बे हाई कोर्ट

By अनुराग आनंद | Published: January 24, 2021 02:31 PM2021-01-24T14:31:22+5:302021-01-24T14:44:53+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है कि बच्ची का कपड़े के उपर से उसके शरीर के किसी हिस्से को टच करना यौन उत्पीड़न नहीं है।  

Groping 'Without Skin-To-Skin Contact' Does Not Qualify As Sexual Assault | बच्ची का स्तन दबाना यौन शोषण नहीं, जब तक स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट न हुआ हो: बॉम्बे हाई कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsकोर्ट ने कहा कि कपड़ा पहने होने पर 12 साल की बच्ची के स्तन को दबाना यौन शोषण नहीं माना जाएगा।बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि बच्ची के टॉप को उतारने या फिर गलत इरादे से उसके कपड़े के अंदर हाथ डालने पर ही उसे यौन उत्पीड़न माना जाएगा।

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा है कि केवल छूना यौन शोषण नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि घटना के समय व्यक्ति ने पीड़िता के साथ गलत इरादे से स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट किया है, तभी यौन उत्पीड़न माना जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो इस आरोप को गलत माना जाएगा। 

जानें यौन शोषण के बारे में अब बॉम्बे हाई कोर्ट की नई परिभाषा-

आउटलुक के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि 12 साल की बच्ची के स्तन को दबाना यौन शोषण नहीं माना जाएगा, जब तक कि यह प्रमाणित न हो जाए कि शख्स ने बच्ची के टॉप को उतारा या फिर गलत इरादे से उसके कपड़े के अंदर हाथ डाला। कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो इसे लड़की या महिला के सील भंग करने का इरादा माना जा सकता है। 

यही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि 'मात्र छेड़खानी' यौन हमले के अंतर्गत नहीं आता है। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट एक ऐसे आरोपी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के लिए जेल की सजा निचली अदालत में सुनाया गया था।

कोर्ट ने इस वजह से मामले को यौन उत्पीड़न मानने से किया इनकार

न्यायमूर्ति पुष्पा गणेदीवाला की एकल न्यायाधीश पीठ ने फैसला सुनाते हुए निचली अदालत से व्यक्ति को सुनाए गए सजा को संशोधित किया है। न्यायाधीश ने कहा कि शख्स ने कपड़े उतारकर बच्चे के शरीर के किसी हिस्से को छूआ नहीं है और न ही दबाया है, ऐसे में हम इसे यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं मान सकते हैं। 

कपड़ा पहने बच्ची के स्तन दबाने के मामले में IPC की धारा 354 के तहत होगी सजा: कोर्ट

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह आरोप निश्चित रूप से आईपीसी की धारा 354 की एक परिभाषा में आता है, जो एक महिला की विनम्रता को अपमानित करने के लिए दंडित करता है। ऐसे में इस मामले में कार्रवाई यौन उत्पीड़न के मामले में न कर आईपीसी की धारा 354 के तहत की जा सकती है। साफ है कि कोर्ट ने आरोपी की सजा को कम कर दिया।

आरोपी ने अमरूद भेंट करने के बहाने पीड़िता बच्ची का किया था उत्पीड़न-

दरअसल, इस मामले का आरोपी अमरूद भेंट करने के बहाने पीड़िता बच्ची को बहला फुसला कर अपने घर ले गया था। बाद में, जब लड़की की मां मौके पर पहुंची, तो उसने अपनी बेटी को वहां रोते हुए देखा। जब मां ने पूछा तो बेटी ने उसे पूरी घटना सुनाई। इसके बाद महिला ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

Web Title: Groping 'Without Skin-To-Skin Contact' Does Not Qualify As Sexual Assault

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