राजस्थान: वागड़ महोत्सव का भव्य रंगारंग शुभारंभ, धरती पर बिखरे लोक संस्कृति के रंग वागड़ की समृद्ध कला के संग
By धीरेंद्र जैन | Published: November 8, 2019 03:11 AM2019-11-08T03:11:38+5:302019-11-08T03:11:38+5:30
वागड़ महोत्सव के दूसरे दिन कवि सम्मेलन, रंगोली, मेहंदी, रस्सा-कस्सी, साफा बांधना, मटका दौड़ और दीपोत्सव प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
तीन दिवसीय वागड़ महोत्सव का डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर स्थानीय लक्ष्मण मैदान में भव्य रंगारंग शुभारंभ हुआ। पारम्परिक वेशभूषा में देश के विभिन्न भागों से आये और स्थानीय लोक कलाकारों एवं उनके साथ विद्यालयों के बच्चों के बैंड की सुमधुर स्वर लहरियों पर थिरकते लोकनर्तकों के कदमों ने पूरे वातावरण को सांस्कृतिक रंगों से सरोबार कर दिया।
मौका था संस्कृति और शिल्प वैशिष्ट्य की धरा डूंगरपुर के 738 वें स्थापना दिवस और वागड महोत्सव 2019 के शुभारंभ का। जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग एवं नगरपरिषद् डूंगरपुर के तत्वाधान में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय वागड़ महोत्सव का शुभारंभ स्थानीय लक्ष्मण मैदान में ढोल-ढमाकों, लोक वाद्यो की सुमधुर धुनों के साथ जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेन्द्र सिंह सिसोदिया, डूंगरपुर विधायक, जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक आदि अतिथियों ने फीता काटकर किया।
अतिथियों ने पुरातन एवं समृद्ध वागड़ की कला और विकास के नये आयाम स्थापित करती प्रदर्शनी के स्टॉल का अवलोकन किया तथा इसकी भरपूर सराहना की। उन्होंने वागड़ की पारम्पारिक निर्मित कलाओं का न केवल अवलोकन किया वरन उसके बारें में गहनता से जानकारी लेकर कलाकारों का उत्साहवर्धन भी किया।
वागड़ महोत्सव के दूसरे दिन कवि सम्मेलन, रंगोली, मेहंदी, रस्सा-कस्सी, साफा बांधना, मटका दौड़ और दीपोत्सव प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। वागड़ महोत्सव के समापन के दिन ऊंट, घोड़ों एवं पारम्पारिक वेशभूषा से सजे लोक कलाकारों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शाम को गेपसागर की पाल पर दीपदान एवं बादल महल पर आतिशबाजी के साथ ही पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के कलाकारों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक संध्या के आयोजन के साथ तीन दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।
वागड़ महोत्सव के दौरान पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सो से आये लगभग 104 कलाकारों द्वारा रंगारंग लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। पर्यटन अधिकारी ने बताया कि धर्मेन्द्र सिंह मधि दल के द्वारा पंजाब के भांगडा, नदीम सागर दल के द्वारा बधाई, उमा शंकर मथुरा दल के द्वारा मयूर, उकाराम परिहार के द्वारा लाल आंगी गैर, गोपाल धानुक दल के द्वारा सहरिया स्वांग, सुरेश भाई डांग के द्वारा डांगी नृत्य तथा मीरा सपेरा दल द्वारा कालबेलिया नृत्यों का समावेश करते हुए लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएगी।