मधुमक्खी पालन के लिए वित्त मंत्री ने किया 500 करोड़ रुपये का ऐलान, 2 लाख मधुमक्खी पालकों को होगा फायदा
By सुमित राय | Published: May 15, 2020 04:53 PM2020-05-15T16:53:35+5:302020-05-15T16:53:35+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार (12 मई) को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण की विस्तृत जानकारी दी। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का ऐलान किया।
निर्मला सीतारमण ने कहा, "एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों और मूल्य संवर्धन सुविधाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका फायदा 2 लाख मधुमक्खी पालकों को होगा। इससे लोगों को अच्छी क्वालिटी का शहद मिलेगा और साथ ही यह लोकल से ग्लोबल की ओर एक कदम हो सकता है। शहद को निर्यात के रूप में इसको देखा जा सकता है।"
Govt to implement a Rs 500 crore scheme of infrastructure development related to integrated beekeeping development centres, collection,marketing & storage centres, post-harvest and value addition facilities; this will lead to an increase in income of 2 lakh bee-keepers: FM pic.twitter.com/e1Wk0ioMLx
— ANI (@ANI) May 15, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले और दूसरे चरण में किए थे ये ऐलान
कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज के पहले चरण में बुधवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए, जिनसे करीब 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की बात की गई है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी वाला कर्ज उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है।
वहीं दूसरे चरण में गुरुवार (14 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3.16 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। जिसमें प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाने और मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल करने की बात की।