18 साल से ऊपर वालों को 1 मई से लगेगी वैक्सीन, कोरोना बैठक में पीएम मोदी का फैसला

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 19, 2021 07:29 PM2021-04-19T19:29:47+5:302021-04-19T21:02:21+5:30

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि अस्पताल में भर्ती रोगियों में मृत्यु के मामलों में पहली और दूसरी लहर में कोई फर्क नहीं है।

Govt of India announces COVID-19 vaccination May 1 everyone above the age of 18 to be eligible | 18 साल से ऊपर वालों को 1 मई से लगेगी वैक्सीन, कोरोना बैठक में पीएम मोदी का फैसला

18 साल से ऊपर वालों को 1 मई से लगेगी वैक्सीन, कोरोना बैठक में पीएम मोदी का फैसला

Highlightsदूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अधिक है जबकि वेंटिलेटर की मांग अधिक नहीं है।चिकित्सकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। चिकित्सकों से कम सुविधा वाले इलाकों में पहुंचने का आग्रह किया।

नई दिल्लीः  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख डॉक्टरों के साथ कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा की, चिकित्सकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया।

सरकार ने कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 का टीका लगवा सकेंगे। प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों को गैर-आपात मामलों में अन्य बीमारियों का उपचार दूर-चिकित्सा (टेली-मेडिसिन) प्रणाली से करने को प्रोत्साहित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार

केंद्र सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों समेत प्राथमिकता वाले समूहों को दूसरी खुराक देने में प्राथमिकता दी जाएगी। राज्यों को टीका निर्माताओं से अतिरिक्त खुराक सीधे खरीदने का अधिकार है। 

टीका निर्माताओं को उनकी 50 प्रतिशत तक आपूर्ति पूर्व घोषित दाम पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में बेचने का अधिकार दिया गया है। टीका निर्माताओं को उत्पादन और बढ़ाने के लिए तथा नए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विनिर्माताओं को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन दिये जा रहे हैं। विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में टीकों की खरीद और टीका लगवाने की पात्रता में ढील दी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है, उन्होंने डॉक्टरों से अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड प्रबंधन का अनुभव रखने वाले शहरों के चिकित्सकों से कम सुविधा वाले इलाकों में पहुंचने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ाई में टीकाकरण को ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ बताते हुए सोमवार को देश भर के चिकित्सकों से अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। देश में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के अग्रणी चिकित्सकों के साथ एक बैठक की और महामारी की मौजूदा स्थिति के साथ ही टीकाकरण अभियान की समीक्षा की।

उन्होंने महामारी के समय चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के सेवा भाव को ‘‘अमूल्य’’ बताते हुए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल इसी समय चिकित्सकों के कठिन परिश्रम और देश की रणनीति की वजह से कोरोना संक्रमण के लहर को नियंत्रित किया जा सका था। उन्होंने कहा, ‘‘अब जबकि देश दूसरी लहर का सामना कर रहा है तो सभी चिकित्सक और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी महामारी से पूरी ताकत के साथ मुकाबला कर रहे हैं और लाखों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं और इनके बारे में राज्य सरकारों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण को ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ करार देते हुए मोदी ने चिकित्सकों से अधिक से अधिक मरीजों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने चिकित्सकों से कोविड-19 के उपचार और इससे बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और अफवाहों से बचाने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग आतंक के शिकार ना हों। इसके लिए उचित उपचार के साथ ही अस्पतालों में भर्ती मरीजों को उचित सलाह पर जोर होना चाहिए।’’ उन्होंने चिकित्सकों को अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए टेली-मेडिसीन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। इसके मद्देनजर उन्होंने ऐसे शहरों में संसाधनों के उन्नयन के प्रयासों को तेज करने को कहा।

उन्होंने चिकित्सकों से आग्रह किया कि ऐसे शहरों में कार्यरत चिकित्सकों से वह संपर्क करें और डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए उन्हें महामारी से लड़ने के उपायों के बारे में सलाह दें। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, रसायन व उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आए और देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन तथा दवाइयों की कमी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को देश में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले डेढ़ करोड़ के पार पहुंच गए। इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी 19 लाख से अधिक हो गई है। देश में कोविड-19 के कुल 1,50,61,919 मामले हैं तथा एक दिन के भीतर 1,619 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,78,769 पर पहुंच गई। संक्रमण के मामलों में लगातार 40वें दिन वृद्धि हुई है।

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