सरकार के पैकेज से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता साफ होगा, आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगीः निरंजन हीरानंदानी
By गुणातीत ओझा | Published: May 14, 2020 12:39 PM2020-05-14T12:39:38+5:302020-05-14T13:50:57+5:30
'फिर उड़ान-चुनौतियां व अवसर' के तहत होने वाले वेबिनार सीरीज में 'एसोचैम' के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कोरोना महामारी से उपजे संकट के दौर में उद्योग जगत के सामने आई चुनौतियों का सामना करने के लिए रास्ते सुझाए।
मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की तारीफ करते हुए 'एसोचैम' के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि इसकी सख्त जरूरत थी। सरकार के पैकेज से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता साफ होगा, आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। 'फिर उड़ान-चुनौतियां व अवसर' के तहत आयोजित वेबिनार सीरीज में हीरानंदानी ने पैकेज की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि एसोचैम ने 3.5 लाख करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन हमें 3.7 लाख करोड़ का पैकेज मिला। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हमें इस फंड की तत्काल जरूरत थी।
बताते चलें कि 'फिर उड़ान-चुनौतियां व अवसर' के तहत आयोजित इस वेबिनार सीरीज में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी, लोकमत एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन व पूर्व सांसद विजय दर्डा, 'नरेडको' व 'ऑल इंडिया मैन्युफेक्चरिंग ऑर्गेनाइजेशन' के पूर्व अध्यक्ष के. ई. रघुनाथन, पूनावाला फायनेंस के एमडी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभय भुतड़ा ने भी इस निराशाजनक दौर में प्रगति की राह की तरफ छलांग को लेकर मार्गदर्शन किया। इस वेबिनार में एमएसएमई के समक्ष मौजूद चुनौतियों और मुकाबले की तैयारियों पर चर्चा हुई। 'एम्ब्रेसिंग द नॉर्मल-द फ्यूचर ऑफ एमएसएमई सेक्टर' विषय पर चर्चा करते हुए दिग्गजों ने उद्योग जगत का मार्गदर्शन किया।
मजदूरों को वापस लाने के लिए करनी होगी कड़ी मेहनत
सरकार द्वारा जारी पैकेज पर हीरानंदानी ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी और बैंकिंग सिस्टम से निवेदन है कि MSME सेक्टर को दिए गए राहत को जल्द से जल्द जारी कर दें। इससे अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह प्रत्येक नियोक्ता की जिम्मेदारी है कि वे अपने श्रमिकों में विश्वास पैदा करें। 75 फीसदी मजदूर अपने घर को लौट गए हैं और प्रोडक्शन की स्थिति चिंताजनक है। प्रवासी मजदूरों के लिए स्थिति हाथ से बाहर हो गई है और शुक्र है कि स्थिति को सुधारा जा रहा है। वे घबराए हुए हैं और काम पर लौटने से डर रहे हैं। कंपनियों को इस बात पर काम करना होगा कि वे मजदूरों को वापस कैसे लाएंगी। वैक्सीन विकसित होने के बाद स्थिति में सुधार होगा।
जान को संभालना और जहान को भी संभालना है
हीरानंदानी ने ने कहा कि इस संकट की घड़ी में जान को संभालना और जहान को भी संभालना है। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हमें आगे बढ़ना है और न्यू-नॉर्मल को स्वीकार करने की आवश्यकता है। भारतीय उद्योग और प्रशासन जगत को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत एक संभावना बन कर उभरे ताकि बाकी देश अपनी ज़रूरतों के लिए उसकी तरफ देखें। covid-19 भारत के लिए बड़ा अवसर है। हमें ना केवल बदले हुए हालात को स्वीकार करना होगा बल्कि आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार भी रहना होगा।
चीन छोड़ रही कंपनियों को आकर्षित करने की जरूरत
पिछले 15 दिनों में 42 कंपनियों ने चीन छोड़ दिया है और उनमें से 23 वियतनाम गई हैं। केवल 2 भारत आने की सोच रही हैं। भारत में निवेश करने के लिए इन कंपनियों को आकर्षित करने के लिए तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है।