अनाज की शत-प्रतिशत पैकिंग जूट की बोरियामें करना सरकार ने किया अनिवार्य
By भाषा | Published: October 29, 2020 09:54 PM2020-10-29T21:54:53+5:302020-10-29T21:54:53+5:30
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस फैसले से, खासकर पश्चिम बंगाल में 3.7 लाख श्रमिकों और 40 लाख किसानों को फायदा होगा, । ईरानी ने एक ट्वीट में कहा, "सरकार ने जूट क्षेत्र की मांग को बनाए रखने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से अधिक के जूट के बोरों की खरीद की है।
नई दिल्ली: जूट उद्योग को प्रोत्साहन देने वाले एक कदम के तहत केंद्र सरकार ने अनाज की शत-प्रतिशत पैकेजिंग और चीनी की 20 प्रतिशत पैकिंग के लिए जूट की बोरियों के प्रयोग को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह निर्णय निर्णय बृहस्पतिवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंजूरी दी है कि अनाज की 100 प्रतिशत और चीनी की 20 प्रतिशत पैकेजिंग अलग अलग तरह की की जूट की बोरियों में करना अनिवार्य होगा।"
बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि इससे देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा के पटसन किसानों और इस उद्योग के श्रमिकों को लाभ होगा। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस फैसले से, खासकर पश्चिम बंगाल में 3.7 लाख श्रमिकों और 40 लाख किसानों को फायदा होगा, । ईरानी ने एक ट्वीट में कहा, "सरकार ने जूट क्षेत्र की मांग को बनाए रखने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से अधिक के जूट के बोरों की खरीद की है।
जूट सामग्री में अनिवार्य पैकिंग के समयसीमा के विस्तार करने के निर्णय से जूट की मांग बढ़ेगी और जूट श्रमिकों को समर्थन मिलेगा।" जूट क्षेत्र पर लगभग 3.7 लाख श्रमिक और कई लाख किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए निर्भर हैं। जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए सालाना 7,500 करोड़ रुपये से अधिक के जूट के बैग खरीदता है। इसलिए, वर्तमान प्रस्ताव में आरक्षण मानदंड देश में कच्चे जूट और जूट पैकेजिंग सामग्री के घरेलू उत्पादन के हित को आगे बढ़ाएगा।
इसमें कहा गया है कि 'जूट आईसीएआरई' हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप कच्चे जूट के गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ी है और जूट किसानों की आय में 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि करने में मदद मिली है। जूट आईसीएआरई के तहत, सरकार दो लाख जूट किसानों को, खेती के अद्यतन तौर तरीकों की जानकारियां देकर उनका समर्थन कर रही है।
हाल ही में, भारतीय जूट निगम ने वाणिज्यिक आधार पर 10,000 क्विंटल प्रमाणित बीजों के वितरण के लिए राष्ट्रीय बीज निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रौद्योगिकी के उन्नयन और प्रमाणित बीजों के वितरण से जूट की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ेगी और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।