सरदेसाई ने कहा, गोवा में सरकार ऐसे लोग चला रहे हैं जो राज्य का महाराष्ट्र में विलय चाहते थे 

By भाषा | Published: January 16, 2020 02:09 PM2020-01-16T14:09:40+5:302020-01-16T14:12:32+5:30

गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘दोडामार्ग जैसे महाराष्ट्र के इलाकों’’ को गोवा में जोड़ने की ‘‘उलटे विलय’’ की कोशिशें की गई। वह दक्षिण गोवा जिले के मडगांव में 1967 में हुए गोवा के ऐतिहासिक जनमत संग्रह की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

Government in Goa is running people who wanted to merge the state with Maharashtra: Sardesai | सरदेसाई ने कहा, गोवा में सरकार ऐसे लोग चला रहे हैं जो राज्य का महाराष्ट्र में विलय चाहते थे 

उन्होंने दावा किया कि जनमत संग्रह के दौरान राज्य की 54 प्रतिशत आबादी ने विलय के खिलाफ मतदान किया।

Highlightsगोवा का पड़ोसी राज्य के साथ विलय करने को लेकर जनमत संग्रह 16 जनवरी 1967 को किया गया।तत्कालीन महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) महाराष्ट्र का हिस्सा बनने के पक्ष में थी।

गोवा के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने दावा किया कि राज्य में सरकार ऐसे लोग चला रहे हैं जो राज्य का महाराष्ट्र में विलय चाहते थे।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘दोडामार्ग जैसे महाराष्ट्र के इलाकों’’ को गोवा में जोड़ने की ‘‘उलटे विलय’’ की कोशिशें की गई। वह दक्षिण गोवा जिले के मडगांव में 1967 में हुए गोवा के ऐतिहासिक जनमत संग्रह की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

गोवा का पड़ोसी राज्य के साथ विलय करने को लेकर जनमत संग्रह 16 जनवरी 1967 को किया गया। तत्कालीन महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) महाराष्ट्र का हिस्सा बनने के पक्ष में थी लेकिन अन्य दलों के नेताओं ने इसका विरोध किया था।

सरदेसाई ने कहा कि प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार ने ‘ओपिनियन पोल डे’ की वर्षगांठ मनाने के लिए कोई आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि जनमत संग्रह के दौरान राज्य की 54 प्रतिशत आबादी ने विलय के खिलाफ मतदान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारी बहुमत नहीं था, यह साधारण बहुमत था। जिन 43 प्रतिशत लोगों ने विलय का समर्थन किया था, वे सरकार में हैं इसलिए सरकार ने इस दिन को मनाने के लिए राज्य स्तर पर एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया।’’

सरदेसाई की पार्टी जुलाई 2019 तक भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार का हिस्सा थी लेकिन इसके बाद उसके मंत्रियों को सावंत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। जीएफपी नेता ने यह भी कहा कि जिन्हें 1967 के जनमत संग्रह में हराया गया था उन्होंने हमेशा अपने कामों से गोवावासियों को पराजित करने की कोशिश की जैसे कि उन्होंने कोंकणी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग का विरोध किया।

गोवा की सीमा से लगते महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में दोडामार्ग के कुछ नेता इस तहसील का तटीय राज्य में विलय करने की मांग करते रहे हैं। गत वर्ष नवंबर में सरदेसाई ने प्रमोद सावंत पर दोडामार्ग में जमीन का बड़ा हिस्सा खरीदने का आरोप लगाया था और कहा था कि मुख्यमंत्री गोवा के साथ इसके विलय की मांग का समर्थन करते हैं। बहरहाल, सावंत ने कहा कि दोडामार्ग में उनके द्वारा खरीदी गई संपत्ति पूरी तरह वैध है और वह उसका गोवा के साथ विलय करने की मांग का समर्थन नहीं करते हैं। 

Web Title: Government in Goa is running people who wanted to merge the state with Maharashtra: Sardesai

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