चल रही थी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्टरी, कालाबाजारी करते तीन लोग गिरफ्तार

By नितिन गुप्ता | Published: May 3, 2021 07:44 PM2021-05-03T19:44:01+5:302021-05-03T19:45:08+5:30

पुलिस कोतवाली द्वारा पूछताछ की जा रही है की यह गिरोह अभी तक कितने को इंजेक्शन बेच चुका है इसके पीछे ओर कोन कोन है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि आरोपी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की जा सकती है।

Goverment Warns Against Fake Remdesivir Injection Called Covipri | चल रही थी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्टरी, कालाबाजारी करते तीन लोग गिरफ्तार

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsयह इंजेक्शन मेल फीमेल नर्स 27000 में बेचते हुए रंगे हाथ पकड़ाए।आरोपी ने दूसरी कंपनी के 2000 एंटी बायोटिक इंजेक्शन खरीदे हुए थे।कुछ इंजेक्शन के लेबल हटाकर उन पर सीधे रेमडेसिविर के लेबल ही लगाने लगे।

इस समय लगभग पूरे देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी चल रही है, दूसरी ओर इस आपदा का फायदा उठाकर मनमाने दाम पर जरूरतमंदो को बेचने का गोरखधंधा भी देखने को मिल रहा है । ऐसा ही एक मामला देवास में सामने आया है । जहा अस्पताल के नर्स और मेडिकल संचालक मिलकर महंगे दामो पर रेमडीसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे । 

देवास पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह ने बताया कि देवास के प्राइम हॉस्पिटल में कार्य करने वाले मेल नर्स और महिला नर्स सहित एक मेडिकल संचालक को कोतवाली पुलिस ने इंजेक्शन ओर दवाइयों की कालाबाजारी करते गिरफ्तार किया है। देवास पुलिस द्वारा डीएसपी किरण शर्मा सीएसपी विवेक सिंह द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए टीम बनाई गई थी । 

इस टीम को पहली सफलता शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में मिली । गुप्त सूचना पर कोतवाली पुलिस ने प्राइम हॉस्पिटल सिविल लाइन में कार्य करने वाली नर्स पूजा पिता देवी सिंह निवासी बाडोली सोनकच्छ और पुरुष नर्स अंकित राजाराम पटेल और मेडिकल संचालक रूद्र पिता भगवती तिवारी के पास से 3 रेमडीसीवीर इंजेक्शन और दवाइयां जप्त की है। 

Web Title: Goverment Warns Against Fake Remdesivir Injection Called Covipri

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