2019 लोकसभा चुनाव का ट्रेलर है उपचुनाव, BJP के लिए ये सीटें हैं साख का सवाल

By रामदीप मिश्रा | Published: March 14, 2018 09:15 AM2018-03-14T09:15:46+5:302018-03-14T11:00:24+5:30

इस चुनाव से उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के एक साल के काम-काम का भी आंकलन किया जाएगा क्योंकि गोरखपुर सीट से सीएम योगी लगातार पांच वार सांसद रहे हैं।

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2019 लोकसभा चुनाव का ट्रेलर है उपचुनाव, BJP के लिए ये सीटें हैं साख का सवाल

लखनऊ, 14 मार्चः गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर 11 मार्च को वोटिंग की गई थी, जिसकी आज मतगणना की जा रही है। इस उपचुनाव में रिजल्ट चाहे जो भी हो, लेकिन यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मोदी सरकार का 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का ट्रेलर माना जा रहा है। बीजेपी के लिए ये सीटें साख का सवाल है, जिसके लिए उसने जान की बाजी लगा दी है। 

सबसे बड़ी बात यह है कि इस चुनाव से उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के एक साल के काम-काम का भी आंकलन किया जाएगा क्योंकि गोरखपुर सीट से सीएम योगी लगातार पांच वार सांसद रहे हैं और अपनी क्षेत्र में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। साथ ही साथ मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल से यूपी की जनता कितनी प्रभावित हुई है उसका भी आंकलन किया जा सकेगा। 

आजादी के बाद पहली बार फूलपुर लोकसभा सीट पिछले आम चुनाव में बीजेपी के खाते में आई थी। लेकिन केशव प्रसाद मौर्या ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद के लिए यह सीट छोड़ दी। सपा और बसपा इसे मुद्दा बनाया। लेकिन वोटिंग महज 38 फीसदी यह जताती है कि जनता कोई बदलाव नहीं चाह रही है। आमतौर बढ़े हुए मतदान को बदलाव से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन आम चुनावों के 50 फीसदी से ज्यादा की वोटिंग की तुलना में इस बार इस सीट पर महज 38 फीसदी ही वोट डाले गए हैं।

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दोनों ही सीटों का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। फूलपुर लोकसभा सीट से भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चुनाव लड़ते थे। 1952, 1957 और 1962 के चुनावों में फूलपुर से ही चुनकर वो संसद पहुंचे थे। गोरखपुर की सीट गोरखनाथ मठ की मानी जाती है। यहां दशकों से मठ के महंत ही सांसद चुने जाते रहे हैं। पहले महंत अवैद्यनाथ और फिर लगातार 1998 से लगातार योगी आदित्यनाथ। बीते 20 सालों के यह पहला मौका होगा जब गोरखपुर लोकसभा सीट पर कोई गोरखनाथ मठ के इतर का सांसद बनेगा। 

गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीट छोड़ने और फूलपुर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सीट छोड़ने के बाद यह चुनाव हुए हैं। गोरखपुर में मुख्य टक्कर बीजेपी उपेंद्र शुक्ला और सपा के प्रवीण निषाद से है। जबकि ऐतिहासिक फूलपुर सीट पर बीजेपी के कौशलेंद्र सिंह पटेल का मुकाबला सपा के नागेंद्र सिंह पटेल से माना डा रहा है।

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