इंजीनियर्स डे 2018: महान इंजीनियर विश्वेश्वरैया की याद में बनाया गूगल-डूडल
By मेघना वर्मा | Published: September 15, 2018 08:34 AM2018-09-15T08:34:57+5:302018-09-15T09:02:49+5:30
M.Visvesvaraya Birth Anniversary Google doodle: साल 1955 में सर विश्वेश्वरैया को भारत रत्न से सम्मानित भी किया जा चुका है।
देश में हर साल 15 सितंबर का इंजीनियर्ड डे सेलीब्रेट किया जाता है। इस दिन ना सिर्फ इंजीनियर्स के काम की प्रशंसा होती है बल्कि बड़े-बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज में इस दिन को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को महान इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैया को समर्पित किया गया है। आज उनकी 157वीं जयंती पर जहां देश इंजीनियरिंग डे मना रहा है वहीं इस अवसर पर गूगल डूडल (M.Visvesvaraya Birth Anniversary google doodle ) बनाकर उन्हें याद किया है।
तेलगु परिवार के एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 में मैसूर, कर्नाटक के कोलार जिले में हुआ था। वह एक बेहतरीन इंजीनियर थे। विश्वेश्वरैया की प्रारंभिक शिक्षा मैसूर से ही पूरी हुई। जबकि आगे की पढ़ाई करने के लिए वह बंगलूर के सेंट्रल कॉलेज में दाखिले के लिए आ गए।
देश को जिस समय सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत थी उस समय सर विश्वेश्वरैया ने अपने काम से समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई जरूरी कामों को करते हुए नदियों पर बांध, ब्रिज और पीने के पानी की स्कीम आदि को बनाया। इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए उनके जन्मदिन पर हर साल 15 सितंबर को देश भर में इंजीनियर डे मनाया जाता है। साल 1955 में सर विश्वेश्वरैया को भारत रत्न से सम्मानित भी किया जा चुका है।
नाइट कमांडर हुए थे नियुक्त
भारतीय साम्राज्य के किंग जॉर्ज वी के द्वारा विश्वेश्वरैया को नाइट कमांडर के रुप में नियुक्त भी किया गया था। कृष्ण राजा सागर बांध के बनाने में इनकी भूमिका अहम रही है।
विश्वेश्वरैया नें मैसूर में लड़कियों के लिए अलग से हॉस्टल और पहला फर्स्ट ग्रेड कॉलेज, महरानी कॉलेज खुलवाने का श्रेय जाता है। इसके अलावा एशिया के बेस्ट प्लान्ड लेआउट्स में जयानगर, जो कि बेंगलुरु में स्थित है, इसकी पूरी डिजाइन और बनाने का श्रेय सर एम. विश्वेश्वरैया को ही जाता है।