Google doodle: गूगल ने जापान के 'फादर ऑफ जूडो' कानो जिगोरो पर बनाया खास डूडल, जानें इनके बारे में

By विनीत कुमार | Published: October 28, 2021 09:06 AM2021-10-28T09:06:58+5:302021-10-28T09:06:58+5:30

Google doodle: कानो जिगोरो (Kano Jigoro) पर आधारित आज के डूडल को लॉस एंजिल्स स्थित आर्टिस्ट सिंथिया युआन चेंग ने तैयार किया है।

Google doodle on Kano Jigoro honours ‘Father of Judo’ on 161st birthday | Google doodle: गूगल ने जापान के 'फादर ऑफ जूडो' कानो जिगोरो पर बनाया खास डूडल, जानें इनके बारे में

कानो जिगोरो पर गूगल डूडल (फोटो- गूगल)

Highlightsप्रोफेसर कानो जिगोरो का आज 161वां जन्मदिन है, गूगल ने उन पर आधारित डूडल बनाया। आज के गूगल डूडल में कानो जिगोर के जीवन और काम को एनिमेटेड तरीके से दिखाया गया है।कानो जिगोरो का जन्म 1860 में हुआ था, जूडो की शुरुआत करने का श्रेय इन्हें जाता है।

नई दिल्ली: सर्च इंजन Google ने 'फादर ऑफ जूडो' कहे जाने वाले कानो जिगोरो (Kano Jigoro) पर आज बेहद खास डूडल बनाया है। प्रोफेसर कानो जिगोरो का आज 161वां जन्मदिन भी है। यही कारण है कि गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

आज के डूडल में कई स्लाइड हैं और यह कानो के जीवन और काम को एनिमेटेड तरीके से एक सीरीज में दिखाने की कोशिश करते हैं। इन स्लाइड में उन्हें अपने छात्रों को मार्शल आर्ट की शिक्षा देते हुए दिखाया गया है।

कानो जिगोरो का जन्म 1860 में मिकेज (अब कोबे का हिस्सा) में हुआ था। बाद में वे 11 साल की उम्र में अपने पिता के साथ टोक्यो चले गए। वे स्कूल में प्रतिभाशाली बच्चे के तौर पर जाने जाते थे। उनकी खास रूचि तब जुजुत्सु (Jujutsu) की मार्शल आर्ट का अध्ययन करने में थी।

टोक्यो विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में पढ़ाई के दौरान आखिरकार कोई ऐसा शख्स मिला जो उन्हें जुजुत्सु पढ़ा सकता था।   जुजुत्सु मास्टर और पूर्व समुराई फुकुदा हाचिनोसुके से कानो जिगोरो ने जुजुत्सु की शिक्षा लेनी शुरू की।

Kano Jigoro: जूडो की शुरुआत कैसे हुई?

जूडो की शुरुआत का किस्सा दिलचस्प है। इस शैली का जन्म जुजुत्सु के एक मैच के दौरान हुआ था जब कानो ने अपने बड़े प्रतिद्वंद्वी को मैट पर गिराने के लिए पश्चिमी कुश्ती शैली की एक चाल का इस्तेमाल किया। 

जुजुत्सु में उपयोग की जाने वाली सबसे खतरनाक तकनीक को हटाकर उन्होंने 'जूडो' की शुरुआत की। यह एक सुरक्षित और सहयोगात्मक खेल था। कानो ने इसे अपने व्यक्तिगत विचार सेरीयोकू-ज़ेन्यो (ऊर्जा का अधिकतम कुशल उपयोग) और जिता-क्योई (खुद और दूसरों की पारस्परिक समृद्धि) के आधार पर तैयार किया।

साल 1882 में कानो ने टोक्यो में अपना डोजो (एक मार्शल आर्ट जिम) खोला। इसे कोडोकन जूडो संस्थान नाम दिया गया। यहां कानो कई सालों तक जूडो के विकास पर काम करते रहे। उन्होंने 1893 में इस खेल में महिलाओं को भी शामिल किया।

साल 1909 में कानो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और 1960 में IOC ने जूडो को एक आधिकारिक ओलंपिक खेल के रूप में मंजूरी दे दी थी।

Web Title: Google doodle on Kano Jigoro honours ‘Father of Judo’ on 161st birthday

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