खुलकर सामने आई गोवा बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई, पारसेकर पर अमित शाह के लिए अपशब्द कहने का आरोप!
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 24, 2018 11:16 AM2018-10-24T11:16:27+5:302018-10-24T11:16:27+5:30
पार्टी के अंदर कलह उस वक्त बढ़ गई जब पिछले हफ्ते कांग्रेस के दो विधायकों को बीजेपी में शामिल कर लिया गया। इनमें से एक दयानंद सोप्टे हैं जिन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में पारसेकर को मैंदरम विधानसभा से मात दी थी।
मनोहर पर्रिकर की तबियत बिगड़ने से गोवा बीजेपी में पैदा हुआ गतिरोध खुलकर सामने आ गया है। मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने अपने सहयोगी और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर पर गंभीर आरोप लगाए। तेंदुलकर ने पारसेकर के साथ ताजा विवाद के बारे में कहा, 'एक ऐसा व्यक्ति जो मां के बारे में अपशब्दों बोलता है... अगर मैं वो बातें बताउंगा तो उचित नहीं होगा। उसने (पारसेकर) हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया।' तेंदुलकर ने पणजी में एक सुरक्षा सम्मेलन के दौरान ये आरोप लगाए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए ऐसे अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले को सीएम बनाया जाना चाहिए?, उन्होंने सीएम पर्रिकर के लिए भी ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया, पारसेकर ने मुझसे वो सबकुछ रिकॉर्ड कर इन लोगों को सुनाने को कहा।' पारसेकर ने अमित शाह को अपशब्द कहे जाने के तेंदुलकर के आरोपों को खारिज कर दिया है।
पार्टी के अंदर कलह उस वक्त बढ़ गई जब पिछले हफ्ते कांग्रेस के दो विधायकों को बीजेपी में शामिल कर लिया गया। इनमें से एक दयानंद सोप्टे हैं जिन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में पारसेकर को मैंदरम विधानसभा से मात दी थी।
यहां देखिए इस मामले पर स्पेशल पैकेज-
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पारसेकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा, 'मैंने अमित शाह या उनकी मां को अपशब्द नहीं कहे। यह पूरी तरह झूठ है और झूठ की बुनियाद पर गढ़ा गया है। सच्चाई ये है कि मैंने सिर्फ तेंदुलकर के खिलाफ कहा था। उन्होंने साबित किया है कि वो प्रदेश अध्यक्ष पद के योग्य नहीं है और पर्दे के पीछे कुछ लोगों को फायदा पहुंचाते हैं।'
पारसेकर ने कहा, 'माफी मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। बल्कि मेरा भरोसा तोड़ने और पीठ पीछे वार करने के लिए उन्हें खुद मुझसे माफी मांगनी चाहिए। आज गोवा में पार्टी के लिए मुश्किल वक्त है क्योंकि तेंदुलकर सिर्फ एक कठपुतली है और उसने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।'