50 हजार गांवों के 95 लाख किसानों को तोहफा, केंद्र सरकार ने फसल बीमा पर दी राहत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 20, 2020 06:27 PM2020-02-20T18:27:44+5:302020-02-20T18:27:44+5:30

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ब्याज सहायता बढ़ने से 50,000 गाँवों के 95 लाख किसानों को फायदा होगा।

Gift to 95 lakh farmers of 50 thousand villages, Central government gives relief on crop insurance | 50 हजार गांवों के 95 लाख किसानों को तोहफा, केंद्र सरकार ने फसल बीमा पर दी राहत

जावड़ेकर ने कहा, सीसीईए के फैसले से 50,000 गांवों के 95 लाख दूध उत्पादकों को लाभ होगा।

Highlightsइस योजना के लिए संशोधित आवंटन 11,184 करोड़ रुपये रखा गया है।अगर धन की लागत में कोई और वृद्धि होगी, तो इस बोझ का वहन उधारकर्ताओं को स्वयं उठाना होगा।

सरकार ने डेयरी क्षेत्र में किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सहायता दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे देश में ‘श्वेत क्रांति’ को आगे बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ब्याज सहायता बढ़ने से 50,000 गाँवों के 95 लाख किसानों को फायदा होगा। जावडे़कर ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के तहत बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी से ‘श्वेत क्रांति’ (दूध उत्पादन से जुड़ी) में नए आयाम जुड़ेगे।

उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए संशोधित आवंटन 11,184 करोड़ रुपये रखा गया है। डीआईडीएफ के तहत, केंद्र सरकार नाबार्ड को वर्ष 2019-20 (30 जुलाई, 2019 से प्रभावी) से वर्ष 2030-31 तक 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करेगी और अगर धन की लागत में कोई और वृद्धि होगी, तो इस बोझ का वहन उधारकर्ताओं को स्वयं उठाना होगा।

इस संबंध में एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘योजना के वित्त पोषण की अवधि (वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20) को संशोधित कर वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक किया गया है और पुनर्भुगतान की अवधि वित्त वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक बढ़ायी जा सकती है।’’

इसके लिए कुल 4,458 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की मिलाकर 37 उप-परियोजनाएं प्रस्तुत की गयी हैं। जिनमें ऋण का हिस्सा 3,207 करोड़ रुपये होगा। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को नाबार्ड के द्वारा अब तक 3,207 करोड़ रुपये में 1,110 करोड़ रुपये का ऋण दो किस्तों में वितरित किए गए हैं।

जावड़ेकर ने कहा, सीसीईए के फैसले से 50,000 गांवों के 95 लाख दूध उत्पादकों को लाभ होगा। इसके अलावा इस योजना के तहत अतिरिक्त दूध द्रुतशीतन क्षमता स्थापित करने के लिए 28,000 ‘बल्क मिल्क कूलर’ स्थापित किए जाएंगे। इनकी कुल क्षमता दैनिक 140 लाख लीटर होगी। 

Web Title: Gift to 95 lakh farmers of 50 thousand villages, Central government gives relief on crop insurance

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