उन्होंने मुझपर मिसाइलें दागी, गोलीबारी की, सोनियां गांधी-राहुल पर आजाद ने साधा निशाना- मैंने 303 राइफल से जवाबी कार्रवाई की और वे...
By अनिल शर्मा | Published: September 9, 2022 07:45 AM2022-09-09T07:45:45+5:302022-09-09T07:49:40+5:30
एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, "उन्होंने (कांग्रेस) ने मुझ पर मिसाइल दागी, मैंने केवल 303 राइफल से जवाबी कार्रवाई की और उन्हें नष्ट कर दिया गया। क्या होता अगर मैंने बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया होता? गायब हो गए होते।"
भद्रवाह/जम्मूः कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी से जाने के बाद से ही उन्होंने ‘गरिमामयी चुप्पी’ साध रखी थी, लेकिन दोनों नेताओं के लगातार हमले ने उन्हें जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है। पूर्व कांग्रेसी नेता ने कहा कि उन्होंने केवल 303 राइफल से जवाबी कार्रवाई की, जब उनकी पूर्व पार्टी के नेताओं ने मिसाइलें दागी और गोलीबारी की।
आजाद ने जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में अपने गृह नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी परिवार द्वारा उन पर बार-बार किए गए हमलों के बावजूद, उन्होंने लंबे समय तक एक सम्मानजनक चुप्पी बनाए रखी, लेकिन उनके हमलों ने उन्हें जवाब देने पर मजबूर कर दिया है। जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, "उन्होंने (कांग्रेस) ने मुझ पर मिसाइल दागी, मैंने केवल 303 राइफल से जवाबी कार्रवाई की और उन्हें नष्ट कर दिया गया। क्या होता अगर मैंने बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया होता? गायब हो गए होते।"
सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं पर गुलाम ने भड़ास निकाली लेकिन उन्होंने स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर टिप्पणी करने से परहेज किया। आजाज ने कहा कि "चूंकि मैं 52 साल से पार्टी का सदस्य हूं और राजीव गांधी को अपना भाई मानता हूं और इंदिरा गांधी को अपनी मां मानता हूं, इसलिए मुझे उनके खिलाफ शब्द उपयोग करने की कोई इच्छा नहीं है"
आजाद जम्मू कश्मीर में अपनी पार्टी की घोषणा करने से पहले एक गैर-कांग्रेसी नेता के रूप में अपने पहले राजनीतिक अभियान पर हैं। उन्होंने डोडा के भद्रवाह में खचाखच भरे भल्ला बाजार में एक रैली को संबोधित किया। आजाद ने कहा, ‘‘मेरे त्याग पत्र के बाद, मैंने चार दिनों तक एक गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी, लेकिन जब सोनिया गांधी और राहुल मुझ पर हमला करते रहे, तो मेरे पास अपनी बात रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि मेरा धर्म और राजनीति की नैतिकता मुझे अपने ऊपर हमले की स्थिति में आत्मरक्षा का अधिकार देती है।’’
उन्होंने कहा, "मैंने अभी तक अपनी पार्टी के लिए नाम तय नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी के लिए नाम और झंडा तय करेंगे। मैं अपनी पार्टी को एक हिंदुस्तानी नाम दूंगा जिसे हर कोई समझ सके।" गौरतलब है कि 2005 से 2008 तक गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं।
भाषा इनपुट के साथ