गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई मामले में ट्विटर समेत कांग्रेस नेताओं पर FIR, धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

By विनीत कुमार | Published: June 16, 2021 08:18 AM2021-06-16T08:18:00+5:302021-06-16T08:37:10+5:30

बुजुर्ग के साथ मारपीट मामले में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही कुछ पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं का भी नाम इस एफआईआर में शामिल है।

Ghaziabad elderly man assault incident Police lodge FIR against Twitter, Congress leaders | गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई मामले में ट्विटर समेत कांग्रेस नेताओं पर FIR, धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

ट्विटर के खिलाफ एफआईआर

Highlightsबुजुर्ग की पिटाई के मामले में ट्विटर समेत पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआरधार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप, मंगलवार रात गाजियाबाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआरएक वायरल वीडिया से जुड़ा है मामला, इस मुद्दे पर राहुल गांधी के ट्वीट के बाद कल योगी आदित्यनाथ ने भी दी थी तीखी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: गाजियाबाद के लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट के मामले में पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। साथ ही कांग्रेस नेताओं, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब के खिलाफ भी इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।

पत्रकार जुबैर और अयूब के साथ एफआईआर में कांग्रेस के सलमान निजामी, शमा मोहम्मद और मकसूर उस्मानी, लेखक सबा नकवी, ऑनलाइन मीडिया ऑर्गनाइजेशन 'द वायर', ट्विटर इंक और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट का नाम शामिल है।

पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153 A (विभिन्न गुटों में वैमनस्य फैलाना), 295A (धार्मिक भावनाओं को भड़काना), 505, 120B (आपराधिक साजिश) और 34 के तहत केस दर्ज किया है।

ट्विटर और अन्य के खिलाफ मंगलवार रात हुई एफआईआर

ट्विटर, कांग्रेस नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ मंगलवार रात एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी ने गलत सूचना को बिना सत्यापित किए बड़े पैमाने पर फैलाने का काम किया है।

साथ ही एफआईआर में कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से मुद्दे को लेकर स्पष्टीकरण देने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट डिलीट नहीं किए और न ही ट्विटर की ओर से ऐसा कराने का प्रयास किया गया। एफआईआर में ये भी कहा हगा है कि इन ट्वीट ने पूरी घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया जबकि वो सच नहीं था।

बुजुर्ग की पिटाई के मामले ने लिया सियासी रंग

गौरतलब है कि गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई के पूरे मामले ने अब सियासी रंग भी ले लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से इस मामले में बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने राहुल पर सत्ता की लालच में मानवता को शर्मसार करने का आरोप लगाया।  

योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा था, 'प्रभु श्रीराम की पहली सीख है-'सत्य बोलना' जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं।' 

इससे पहले राहुल ने बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की घटना को लेकर मंगलवार को कहा था कि ऐसी क्रूरता समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।'

गाजियाबाद: क्या है बुजुर्ग की पिटाई का पूरा मामला

दरअसल तीन दिन पहले अब्दुल समद सैफी नाम के बुजुर्ग शख्स के साथ मारपीट और जबरन उनकी दाढ़ी काटे जाने संबंधी एक वीडियो वायरल हुआ था। ऐसे आरोप लगे कि मारपीट करने वालों ने बुजुर्ग के साथ न केवल अभद्रता की बल्कि उन्हें जय श्री राम के नारे लगाने को कहा।

हालांकि, मंगलवार को गाजियाबाद पुलिस की ओर से कहा गया कि घटनाके संबंध में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने साथ ही बताया कि ये कोई अचानक किया गया हमला नहीं था।

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने सैफी को इसलिए पीटा क्योंकि उन्होंने एक ताबीज बेची थी जो आरोपियों के इच्छा के मुताबिक काम नहीं कर सकी। पुलिस ने ये भी कहा कि पीड़ित और आरोपी दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे। इसी मामले पुलिस आरोपी परवेश गुज्जर समेत आदिल और कल्लू नाम के शख्स को गिरफ्तार कर चुकी है।

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