जनरल वी के सिंह का दावा, 'भारत ने भी पकड़े थे चीन के सैनिक, उन्होंने खोए 40 से भी ज्यादा जवान'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 20, 2020 11:05 PM2020-06-20T23:05:33+5:302020-06-20T23:05:33+5:30
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सोमवार रात (15 जून) को भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने दावा किया है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में उन्होंने 40 से ज्यादा जवान खोए हैं। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने यह भी दावा किया है कि चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं।
वी के जनरल सिंह ने न्यूज24 के साथ इंटरव्यू में कहा,'' हमारे 20 शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं लेकिन चीन यह नहीं बताएगा। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। वहां हर चीज को छिपाया जाते हैं। वहां चीन के दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।''
"हमने भी चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे": केंद्रीय मंत्री वीके सिंह@Gen_VKSingh@anurradhaprasad@manakgupta#IndiaChinaBorderTension#IndianArmypic.twitter.com/zOV1b6Eso1
— News24 (@news24tvchannel) June 20, 2020
वी के जनरल सिंह ने कहा, ''कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ा था और उन्हें लौटाया है। इसी तरह हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया है।''
वी के जनरल सिंह ने कहा, चीन 1962 के युद्ध की तरह इस बार भी हताहतों की संख्या को स्वीकार नहीं करेगा। वह नंबर छिपाता है।
वी के जनरल सिंह ने कहा, ''झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है।'' उन्होंने कहा कि चीन 1962 से वहां बैठा है लेकिन हम भी वहां से नहीं हिले हैं।
गलवान घाटी में सोमवार रात (15 जून) हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने बुधवार को लेह अड्डे का दौरा किया था जहां उन्होंने बल की संचालनात्मक तैयारियों की समीक्षा की थी। गलवान में हुए संघर्षों को देखते हुए सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना और वायुसेना के अग्रिम अड्डों को हाई अलर्ट पर कर दिया।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन हर वर्ष तैनाती करता है और क्षेत्र में हवाई अभ्यास करता है लेकिन इस बार गतिविधियां बढ़ी हुई हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है । पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।