गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक, 223 करोड़ रूपए की निवेश परियोजनाओं को मंजूरी

By भाषा | Published: July 15, 2020 01:15 AM2020-07-15T01:15:32+5:302020-07-15T01:15:32+5:30

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को हटाए जाने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी। बैठक के बाद जारी एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिससे राज्य में 223 करोड़ रूपए का निवेश होगा।

Gehlot cabinet meeting, investment projects worth Rs 223 crore approved | गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक, 223 करोड़ रूपए की निवेश परियोजनाओं को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई व अक्टूबर 2018 में अपने राजस्थान दौरे के अवसर पर इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की थी।

Highlightsराज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिससे राज्य में 223 करोड़ रूपए का निवेश होगा। इस परियोजना में दो चरणों में करीब 132 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा।

जयपुर: अशोक गहलोत मंत्रिमंडल व मंत्री परिषद की बैठक मंगलवार रात यहां हुई जिसमें राज्य में 223 करोड़ रुपये के निवेश की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी तथा कई अन्य फैसले किए गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में ये बैठकें मंगलवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हुई।

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को हटाए जाने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी। बैठक के बाद जारी एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिससे राज्य में 223 करोड़ रूपए का निवेश होगा। इसके अनुसार बैठक में गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड को बूंदी जिले के उलेरा गांव में पशु फीड विनिर्माण इकाई लगाने के लिए विशेष सुविधा पैकेज प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

इस परियोजना में दो चरणों में करीब 132 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। इसी तरह इमामी एग्रोटेक लिमिटेड को जयपुर जिले के चंद्रमूल गांव में सरसों की तेल मिल व रिफाइनरी के साथ साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट स्थापित करने के लिए विशेष सुविधा पैकेज दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना में करीब 91 करोड़ रूपए का निवेश होगा और प्रतिदिन 140 टन सरसों के तेल का उत्पादन हो सकेगा।

मंत्रिपरिषद ने राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाने के लिए भारत सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव के अनुमोदन और प्रदेश में 10 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों के त्वरित अनुमोदन एवं अनुमति के लिए ‘वन स्टाप शाप‘ प्रणाली की स्थापना आदि महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। ईआरसीपी परियोजना के तहत चम्बल नदी बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्वती, कालीसिल, गंभीर आदि नदी बेसिन में डाला जाना प्रस्तावित है।

इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है जो वर्ष 2017 से केन्द्रीय जल आयोग के पास परीक्षणाधीन है। परियोजना की लागत करीब 37 हजार करोड़ रूपए है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई व अक्टूबर 2018 में अपने राजस्थान दौरे के अवसर पर इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की थी।

राज्य में उद्योग स्थापना के लिए ‘वन स्टॉप शॉप‘ प्रणाली लागू होगी। इसके तहत राज्य में 10 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द आवश्यक अनुमतियां तथा सुविधाएं प्रदान करने के लिए ‘वन स्टाप शाप‘ प्रणाली की स्थापना की जाएगी, जिससे उद्यमी सुगमतापूर्वक अपनी इकाइयां स्थापित कर सकेंगे।

मंत्रिपरिषद ने कनिष्ठ कृषि अध्यापक के पद पर तदर्थ नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में संशोधन, अस्थाई शिक्षकों के पेंशन प्रकरणों का निस्तारण करने, चिकित्सा शिक्षकों को पदोन्नति के लाभ देने के लिए राजस्थान मेडिकल सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियमों में संशोधन करने तथा राजस्थान तकनीकी शिक्षा अधीनस्थ के तहत डेमोन्सट्रेटर तकनीकी, प्राध्यापक, विभागाध्यक्ष व प्राचार्य के पदों को नवीन वेतनमान का लाभ देने सहित अन्य सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। 

Web Title: Gehlot cabinet meeting, investment projects worth Rs 223 crore approved

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