पाकिस्तान से लौटी गीता का खोया परिवार मिलने की फिर जागी उम्मीद, 70 साल की महिला ने किया है दावा, डीएनए रिपोर्ट का इंतजार

By भाषा | Published: March 11, 2021 09:38 AM2021-03-11T09:38:18+5:302021-03-11T10:15:42+5:30

गीता साल 2015 में पाकिस्तान से लौटी थी। पांच सालों में अब तक करीब 20 से ज्यादा परिवारों ने उसे लेकर दावे किए लेकिन सभी गलत साबित हुए।

Geeta, who returned from Pakistan, was called the daughter of Maharashtra by her daughter | पाकिस्तान से लौटी गीता का खोया परिवार मिलने की फिर जागी उम्मीद, 70 साल की महिला ने किया है दावा, डीएनए रिपोर्ट का इंतजार

पाकिस्तान से लौटी गीता को महाराष्ट्र की महिला ने अपनी बेटी बताया (फाइल फोटो)

Highlights गीता पाकिस्तान से लौटककर फिलहाल मध्य प्रदेश में रह रही हैंसुषमा स्वराज के प्रयासों के कारण 26 अक्टूबर 2015 को भारत लौट सकी थी गीताकरीब 20 साल पहले लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में पाकिस्तानी अधिकारियों को मिली थी गीता

इंदौर, 11 मार्च: पाकिस्तान से वर्ष 2015 में भारत लौटी गीता को महाराष्ट्र की 70 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी बताया है और कुछ ब्योरों का मिलान होने के बाद उम्मीद जागी है, कि गीता को उसका खोया परिवार वापस मिल सकता है।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वैज्ञानिक रूप से यह बात डीएनए टेस्ट के बाद ही साबित हो सकेगी कि यह महिला गीता की जैविक मां है या नहीं।

अधिकारियों के मुताबिक मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग ने दिव्यांगों की मदद के लिये इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी को गीता की देख-रेख और उसके बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा सौंपा है। गीता न तो सुन सकती है और न ही बोल सकती है।

संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बृहस्पतिवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया कि गीता महाराष्ट्र के परभणी की गैर सरकारी संस्था पहल फाउंडेशन के परिसर में रहकर कौशल विकास का प्रशिक्षण ले रही है।

औरंगाबाद की मीना पांद्रे ने गीता को अपनी बेटी होने का किया है दावा

पुरोहित ने बताया कि औरंगाबाद में रहने वाली मीना पांद्रे (70) ने दावा किया है कि गीता उनकी खोई बेटी है जो उनकी पहली शादी से पैदा हुई थी। उन्होंने बताया, "पांद्रे ने हमें बताया है कि गीता के पेट पर जलने का एक निशान है। यह बात सही पाई गई है।"

पुरोहित ने बताया कि गीता ने बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उन्हें इशारों में बताया था कि उसके घर के पास एक नदी थी और वहां गन्ने तथा मूंगफली की खेती होती थी। इसके साथ ही वहां डीजल के इंजन से रेल चला करती थी।

उन्होंने बताया,"ये ब्योरे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के कुछ स्थानों से मेल खाते हैं।"

इस बीच, मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की ने बताया कि डीएनए टेस्ट के बाद ही पांद्रे के इस दावे की पुष्टि हो सकेगी कि गीता उनकी बेटी है।

अब तक गीता को लेकर 20 से ज्यादा परिवारों के आ चुके हैं दावे

अधिकारियों ने बताया कि गुजरे साढ़े पांच साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 20 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं। लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का दावा वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हो सका है।

उन्होंने बताया कि फिलहाल गीता की उम्र 30 साल के आस-पास आंकी जाती है। वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थी। पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था। उस समय उसकी उम्र आठ साल के आस-पास रही होगी।

मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था।

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थी। इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में भेज दिया गया था।

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Web Title: Geeta, who returned from Pakistan, was called the daughter of Maharashtra by her daughter

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