बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ गैस पीड़ितों ने किए प्रदर्शन, निकाली रैली
By राजेंद्र पाराशर | Published: December 4, 2019 12:02 AM2019-12-04T00:02:04+5:302019-12-04T00:02:04+5:30
गैस पीड़ितों के हक में सालों से कार्य कर रहे संगठनों द्वारा पिछले तीन दिनों से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासिदयों में से एक भोपाल गैस त्रासदी की 35 वीं बरसी पर आज राजधानी भोपाल में विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं गैस पीड़ित संगठनों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए.
राजधानी भोपाल में आज राज्यपाल लालजी टंडन की मौजूदगी में दिवंगत व्यक्तियों की स्मृति में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें धर्माचार्यों द्वारा पाठ कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनियन कार्बाइड के यहां स्थित संयंत्र से वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात में जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) के रिसाव की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे. गैस की चपेट में आने वाले शहर के हजारों नागरिक 35 साल बाद आज भी उसके दुष्प्रभाव झेल रहे हैं. गैस रिसाव के दौरान शहर में सड़कों पर भागते, हांफते हजारों लोगों ने दम तोड़ दिया था.
गैस पीड़ितों के हक में सालों से कार्य कर रहे संगठनों द्वारा पिछले तीन दिनों से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इन संगठनों का कहना है कि गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार बहुराष्ट्रीय कंपनी डाव कैमिकल्स अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है और वह पीड़ितों को पूर्ण राहत मुहैया नहीं करा रही है, इसके लिए वे केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार मानते हैं. अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड का बाद में डाव कैमिकल्स ने अधिग्रहण कर लिया था.
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा और भोपाल ग्रुप फार इंफर्मेशन एंड एक्शन जैसे संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के आसपास बड़ी मात्रा में जहरीला रसायन अभी भी पड़ा हुआ है. इस वजह से भूमिगत जल प्रदूषित हो गया है और आसपास के हजारों नागरिक अब भी यही जल पीने को मजबूर हैं. इस वजह से उन्हें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इस ग्रुप द्वारा आज भारत टाकीज क्षेत्र से यूनियन कार्बाइड कारखाने तक पैदल रैली निकाली गई. इस रैली में प्रदूषित भूजल से पीड़ित बच्चे भी शामिल हुए. इसके अलावा गैस पीड़ित संगठनों द्वारा अलग-अलग तरीके से बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विरोध किया गया.
वहीं प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सेंट्रल लायब्रेरी हाल में राज्यपाल लालजी टंडन के नेतृत्व में सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में सभी धर्माे के धर्माचार्य शामिल हुए और गैस त्रासदी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई.
राहत, पुनर्वास के साथ बेहतर इलाज मिले यह सरकार की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल गैस त्रासदी में असमय अलविदा हो गए दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने दुनिया की इस सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना की 35वीं बरसी पर लोगों से पर्यावरण प्रदूषण के प्रति हमेशा सतर्क और सजग रहने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा दर्दनाक हादसा फिर कभी न हो, इसके लिए नागरिकों को सतर्कता रखना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस हादसे ने भोपाल के रहवासियों को गहरे जख्म दिए हैं. प्रभावितों को राहत और पुनर्वास के साथ बेहतर इलाज मिले, यह सरकार की जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री ने गैस त्रासदी की बरसी पर भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक दिवंगत अब्दुल जब्बार का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने गैस पीड़ितों, विशेषकर महिलाओं के राहत और पुनर्वास तथा इलाज के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि आज के दिन बरबस ही उनकी याद आती है.
शिवराज, सिंधिया ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है कि भोपाल गैस त्रासदी की 35 वीं बरसी पर मैं इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हजारों कार्यकर्ताओं को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने पीड़ितों के अधिकारों हेतु जीवनपर्यन्त लड़ाई लड़ी और उन्हें न्याय दिलाया. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है कि भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत हुए पीड़ितों के प्रति आत्मीय संवदनाएं. प्रदेश सरकार पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प है. सिंधिया नागरिकों से अपील की है कि देश समाज को स्वस्थ और स्वच्छ रखने हेतु व्यक्तिगत स्तर से प्रदूषण को नियंत्रण करने में अपना पूर्ण सहयोग करें.
स्मृति में बनवाएं मेमोरियल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गैस त्रासदी के दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि वे प्रभावित परिवारों की स्मृति में मेमोरियल बनवाएं और पीड़ितों के इलाज के लिए अस्पताल को एक इंस्टीटयूट बनाने के लिए केन्द्र से मांग करें. ट्वीटर पर सिंह ने लिखा है कि गैस त्रासदी पीड़ित परिवारों के लिए अब्दुल जब्बार ने जीवनभर निस्वार्थ भावना से लड़ाई लड़ी अब वे भी हमारे बीच नहीं है. हम उन्हें भी श्रद्धांजलि देते हैं.