112 दिन से गंगा की सफाई को लेकर अनशन पर बैठ जीडी अग्रवाल का निधन, पीएम मोदी को भी सुना चुके हैं खरी-खोटी
By पल्लवी कुमारी | Published: October 11, 2018 06:57 PM2018-10-11T18:57:33+5:302018-10-11T18:57:33+5:30
स्वामी सानंद ने नौ सितंबर को घोषणा की थी कि वह अक्टूबर में जल त्याग देंगे, जिसके बाद 11 सितंबर को नेशनल मिशन फॉर गंगा क्लीनिंग के निदेशक ने उनसे वार्ता की और 13 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें समर्थन दिया था।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: गंगा नदी में खनन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से हरिद्वार में अनशन कर रहे जाने माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का गुरूवार को निधन हो गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सूत्रों ने बताया कि स्वामी सानंद ने आज दोपहर करीब दो बजे अंतिम सांस ली ।
हरिद्वार स्थित मातृ सदन के संत ज्ञानांन्द से दीक्षा लेने वाले स्वामी सानंद को गत नौ अक्टूबर को उनके अनशन स्थल हरिद्वार से उठा कर प्रशासन ने एम्स, ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। वह 87 साल के थे। सानंद गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर प्रयासरत थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख चुके थे।
गंगाप्रेमियों में शोक की लहर
स्वामी सानंद पिछले 22 जून से अनशन पर थे, उन्होंने 9 अक्टूबर को जल भी त्याग दिया था। 2011 में स्वामी निगमानंद की हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट में मौत के बाद गुरुवार की दोपहर गंगा के एक और लाल ने प्राण त्याग दिए। स्वामी सानंद के ऋषिकेश एम्स में निधन की खबर मिलते ही गंगाप्रेमियों में शोक की लहर फैल गई।
Uttarakhand: GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga, passed away in AIIMS Rishikesh today due to a heart attack.
— ANI (@ANI) October 11, 2018
दिल के दौरा पड़ने से निधन
हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें कल जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था। डॉ रविकांत ने बताया कि आज दोपहर स्वामी सानंद को दिल का दौरा पड़ा और काफी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उन्होंने बताया कि स्वामी सानन्द को उच्च रक्तचाप, हर्निया के साथ - साथ कोरोनरी आर्टरी रोग भी था तथा अनशन के कारण उनकी सेहत और बिगड़ गयी थी। गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन लेकर पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अनशन तोड़ने के अनुरोध को उन्होंने ठुकरा दिया था।
परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने निधन को हत्या बताया
इस बीच, गंगा संरक्षण को लेकर स्वामी सानंद के प्राण त्यागने के बाद 'मातृसदन' के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने उनके निधन को हत्या करार दिया है और उनकी मौत की उच्च्स्तरीय जांच की मांग की है।
जल त्यागने की दी थी धमकी
स्वामी सानंद ने नौ सितंबर को घोषणा की थी कि वह अक्टूबर में जल त्याग देंगे, जिसके बाद 11 सितंबर को नेशनल मिशन फॉर गंगा क्लीनिंग के निदेशक ने उनसे वार्ता की और 13 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें समर्थन दिया था। स्वामी सानंद वर्ष 2008 में उस वक्त चर्चा में आये थे, जब वह उत्तरकाशी में मणिकर्णिका घाट पर भागीरथी पर बन रही पनबिजली परियोजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।
पीएम मोदी को पत्र लिख सुना चुके हैं खरी-खोटी
गंगा की सफाई को लेकर स्वामी सानंद ने 24 फरवरी 2018 को पीएम नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था, '2014 के लोकसभा चुनाव तक तो तुम भी स्वयं मां गंगाजी के समझदार, लाडले और मां के प्रति समर्पित बेटा होने की बात करते थे, लेकिन यह चुनाव मां के आर्शीवाद और प्रभु राम की कृपा से जीतकर अब तो तुम मां के कुछ लालची, विलासिता-प्रिय बेटे-बेटियों के समूह में फंस गए हो। उन नालायकों की विलासिता के साधन (जैसे अधिक बिजली) जुटाने के लिए, जिसे तुम लोग विकास कहते हो, कभी जलमार्ग के नाम से बूढ़ी मां को बोझा ढोने वाला खच्चर बना डालना चाहते हो।'
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)