जी-20: पीएम मोदी ने कहा- हमें आतंकवाद और नस्लवाद को समर्थन और सहायता के सभी रास्ते बंद करने होंगे
By भाषा | Published: June 28, 2019 02:39 PM2019-06-28T14:39:10+5:302019-06-28T14:39:10+5:30
मोदी ने कहा, ''आज मैं तीन प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान दूंगा। पहली, विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी और अनिश्चितता। नियमों पर आधारित बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था पर एकतरफा निर्णय और प्रतिद्वंद्विता हावी हो रहे हैं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी और अनिश्चितता, संरक्षणवाद, बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था पर एकतरफा निर्णय एवं आतंकवाद को विश्व की प्रमुख चुनौतियों के रूप में गिनाया एवं इनके समाधान के लिए पांच-सूत्री उपाय भी सुझाए। ओसाका में ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में मोदी ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन को मजबूत बनाने, संरक्षणवाद से मुकाबला और ऊर्चा सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा आतंकवाद से मुकाबले के लिए साथ मिलकर काम करने की तत्काल आवश्यकता है।
मोदी ने कहा, ''आज मैं तीन प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान दूंगा। पहली, विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी और अनिश्चितता। नियमों पर आधारित बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था पर एकतरफा निर्णय और प्रतिद्वंद्विता हावी हो रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''दूसरी ओर, संसाधनों की कमी इस तथ्य में झलकती है कि उभरते हुए बाजार आधारित अर्थव्यवस्थाओं के बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए अंदाजन 1,300 अरब डॉलर की कमी है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास और प्रगति को समावेशी और टिकाऊ बनाना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ''तेजी से बदलती हुई प्रौद्योगिकी जैसे कि डिजिटलीकरण, और जलवायु परिवर्तन सिर्फ हमारे लिए ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी चिंता के विषय हैं। विकास तभी सही मायने में विकास है जब वो असमानता घटाए और सशक्तिकरण में योगदान दे।'' उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मोदी ने कहा, ''यह निर्दोषों की जान तो लेता ही है, आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता पर बहुत बुरा असर भी डालता है। हमें आतंकवाद और नस्लवाद को समर्थन और सहायता के सभी रास्ते बंद करने होंगे।''
पांच-सूत्री उपायों पर उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच तालमेल से एकतरफा फैसलों के दुष्परिणामों का निदान कुछ हद तक हो सकता है। उन्होंने कहा, ''हमें बहुपक्षवाद को बेहतर बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और व्यापारिक संस्थाओं तथा संगठनों में आवश्यक सुधार पर जोर देते रहना होगा।'' दूसरे उपाय के रूप में उन्होंने कहा, ''निरंतर आर्थिक विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा के संसाधन जैसे तेल और गैस कम कीमतों पर लगातार उपलब्ध रहने चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा सदस्य देशों के भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे तथा अक्षय ऊर्जा कार्यक्रमों में निवेश को और प्राथमिकता मिलनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन की भारतीय पहल से विकासशील एवं विकसित देशों में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा विकसित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''मैं आपको गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।'' नरेंद्र मोदी ने कहा, ''विश्व भर में कुशल कारीगरों का आवागमन आसान होना चाहिए। इससे उन देशों को भी लाभ होगा जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा कामकाज की उम्र पार कर चुका है।'' आतंकवाद से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर एक वैश्विक सम्मेलन के आयोजना का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ''मैंने हाल ही में आतंकवाद पर एक वैश्विक सम्मेलन का आह्वान किया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए ज़रूरी सहमति का अभाव हमें निष्क्रिय नहीं रख सकता। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को प्रमुख प्राथमिकताओं में जगह देने के लिए मैं ब्राज़ील की सराहना करता हूं।''