जी 20 इंडियन प्रेसीडेंसी की थीम 'वसुदैव कुटुम्बकम' वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर भारत के महत्व को दर्शाता है: अनुराग ठाकुर
By अनुभा जैन | Published: February 22, 2023 01:50 PM2023-02-22T13:50:19+5:302023-02-22T13:55:40+5:30
बेंगलुरु में जी20 देशों के वित्त और केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संबोधित किया। अनुराग ठाकुर ने इस दौरान कहा कि जी20 दुनिया में मौजूदा समस्याओं का हल खोजने में अहम भूमिका निभा सकता है।
बेंगलुरु: “नवंबर 2022 में, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से जी20 प्रेसीडेंसी का बैटन प्राप्त किया, तो यह देश के लिए एक गर्व का क्षण था और साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी कि जी 20 मतभेदों को दूर करना और वैश्विक महत्व के मामलों पर आम सहमति बनाना जारी रखे। जी20 इंडिया प्रेसीडेंसी की थीम “वासुदैव कुटुम्बकम“ वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत द्वारा सहयोगात्मक प्रयासों को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाता है'', केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपना उद्घाटन भाषण देते हुए बुधवार को बेंगलुरु में जी20 देशों के वित्त और केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक में यह बात कही।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, व्यापक-आधारित मुद्रास्फीति, बढ़े हुए ऋण भेद्यता, बिगड़ते जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक तनाव के प्रभाव का सामना कर रही है। इन सभी संकटों का प्रभाव दुनिया की प्रमुख विकास प्राथमिकताओं की प्रगति को पीछे धकेल सकता है। जी20 केंद्रित संवादों और विचार-विमर्श के माध्यम से इन चुनौतियों का वैश्विक समाधान खोजने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मौजूदा मंदी से उबरने और विकास के अवसर पैदा करने में भी मदद कर सकता है।
अनुराग ठाकुर ने यह भी उल्लेख किया कि 2023 में जी20 फाइनेंस ट्रैक चर्चा में 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करना, ’कल के शहरों’ (Cities of Tomorrow) का वित्तपोषण करना, वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाना और दूसरों के बीच अंतरराष्ट्रीय कराधान एजेंडा को आगे बढ़ाना शामिल है।
ठाकुर ने कहा, “जी20 ने संकट के समय आम सहमति बनाने में अपनी क्षमता को फिर से साबित किया है। इंडियन प्रेसीडेंसी का मानना है कि सफलता आने वाले महत्वपूर्ण जोखिमों का अनुमान लगाने, रोकने और तैयार करने की हमारी क्षमता में निहित है।“ ठाकुर ने बहुपक्षवाद की भावना की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विवादास्पद मुद्दे हैं, और देशों को अपनी घरेलू आकांक्षाओं को संतुलित करने की आवश्यकता है। इन प्रमुख मुद्दों पर जी20 में विभिन्न कार्य पहले ही शुरू किए जा चुके हैं और सामूहिक रूप से इष्टतम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वित्त ट्रैक जी20 प्रक्रिया के मूल में है और वैश्विक आर्थिक संवाद और नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। वित्त ट्रैक में मुख्य कार्यक्षेत्र हैं- वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और जोखिम, विकास वित्त और वैश्विक वित्तीय सुरक्षा जाल, वित्तीय समावेशन और अन्य वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों, बुनियादी ढांचे के विकास और वित्तपोषण, स्थायी वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय कराधान सहित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय वास्तुकला।
यह उल्लेख करना उचित है कि जी20 भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत पहली जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक 24-25 फरवरी 2023 को बेंगलुरु, कर्नाटक में होने वाली है। जी20 FMCBG बैठक से पहले दूसरी जी20 वित्त और सेंट्रल बैंक डेप्युटी (FCBD) बैठक होती है, जिसकी सह-अध्यक्षता श्री अजय सेठ और डॉ. माइकल डी. पात्रा, डिप्टी गवर्नर, RBI करते हैं।