बरसात के दिनों में कोझिकोड हवाईअड्डे से बड़े विमानों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक
By अनुराग आनंद | Published: August 11, 2020 09:19 PM2020-08-11T21:19:58+5:302020-08-11T21:19:58+5:30
कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश में उतरते विमान की दिशा में बहती हवा की स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। यह चेतावनी नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) ने नौ वर्ष पहले दी थी।
नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड एयर पोर्ट पर पिछले दिनों एयर इंडिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से करीब 18 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद अब नागर विमानन महानिदेशालय ने यह फैसला लिया है कि कोझिकोड एयरपोर्ट से किसी भी तरह के बड़े विमानों का परिचालन बरसात के मौसम में नहीं किया जाएगा।
मानसून के दिनों में बड़े विमानों पर प्रतिबंध लगाने की पुष्टि खुद नागर विमानन महानिदेशालय ने की है। महानिदेशालय ने यह फैसला एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान के 7 अगस्त को कोझिकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त होने की की वजह से लिया है।
Use of wide-body aircraft at Kozhikode Airport during the monsoon season has been banned: Directorate General of Civil Aviation
— ANI (@ANI) August 11, 2020
An Air India Express flight had crash-landed at Kozhikode Airport on August 7, claiming 18 lives. pic.twitter.com/pcZ0jGCxvx
कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश के मौसम में खतरा की आशंका जाहिर की थी-
कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश में उतरते विमान की दिशा में बहती हवा की स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। यह चेतावनी नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) ने नौ वर्ष पहले दी थी। इसके बावजूद हवाईअड्डे को सुरक्षित घोषित कर विमानों का परिचालन जारी रखा गया। सीएएसएसी में परिचालन समूह के तत्कालीन सदस्य रहे कैप्टन मोहन रंगनाथन ने जून 2011 में तत्कालीन नागर विमानन सचिव नसीम जैदी को पत्र लिखकर इस हवाई पट्टी को लेकर अपनी चिंता जताई थी।
मेंगलूर हवाईअड्डे पर 2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रंगनाथन ने यह पत्र लिखा था। इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे। रंगनाथन ने लिखा था, ''रनवे-10 पर बारिश में अनुकूल हवा की स्थिति में उतरने वाली उड़ानें यात्रियों की जान खतरे में डालने वाली हैं।'' ऐसी परिस्थिति में उतरते समय विमान की दिशा प्रभावित हो सकती है। कोझिकोड हवाईअड्डे पर हुई दुर्घटना के बारे में रंगनाथन ने कहा है कि रनवे की ढलान खड़ी और नीचे की ओर है। उसके आसपास कोई सुरक्षा क्षेत्र नहीं है. उन्होंने कहा, ''यदि हादसे में किसी की जान गई है, तो यह एक अपराध है।''
हादसे में बचे यात्रियों ने सुनाई खौफनाक मंजर की कहानी
केरल के कोझिकोड में हुई विमान दुर्घटना में जीवित बचे यात्रियों ने शनिवार को कहा कि यह सब पलक झपकते ही हो गया। उन्हें लगा था कि वे घर पहुंच गये, लेकिन विमान हवाईअड्डे पर फिसल गया और 35 फीट गहरी खाई में जा गिरा।दुबई से आ रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान शुक्रवार शाम यहां दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विदेशों में फंसे भारतीयों को वंदे भारत अभियान के तहत इसके जरिये लाया गया था। विमान में कुल 190 लोग सवार थे। दुर्घटना में दो पायलट सहित कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और उनका यह सफर अधूरा रह गया।
आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट साहिरा बानू अपने तीन बच्चों के साथ 10 महीने पहले पति निजास के पास दुबई गई थी। लेकिन नजदीक के कोट्टकल आर्य वैद्य शाला से नौकरी की पेशकश पाने के बाद उन्होंने केरल लौटने का फैसला किया था। उनकी एक करीबी रिश्तेदार जमीला ने यह बताया. जमीला ने बताया कि साहिरा के दो बच्चे - आठ साल का बेटा और चार साल की बेटी इस हादसे में घायल हो गये, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। लेकिन साहिरा और उनका एक साल के बेटे की मौत हो गई। इस तरह नौकरी पाने की खातिर घर आने का साहिर का सफर अधूरा रह गया।