निजी ट्रेन चलाएंगे टाटा-अडाणी, अमेरिकी कंपनी नार्वेजियन क्रूज लाइन ने भी दिखाई दिलचस्पी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 7, 2020 08:42 AM2020-07-07T08:42:55+5:302020-07-07T08:42:55+5:30

निजी रेलगाड़ियां चलने के बाद उसमें एयरलाइन की तरह यात्रियों को पसंदीदा सीट, सामान और यात्रा के दौरान सेवाओं के लिये भुगतान करना पड़ सकता है।

From Tatas to Adani, private players train sights on railway privatisation | निजी ट्रेन चलाएंगे टाटा-अडाणी, अमेरिकी कंपनी नार्वेजियन क्रूज लाइन ने भी दिखाई दिलचस्पी

रेलवे के सूत्रों ने कहा कि 12 क्लस्टरों में निजी ट्रेन चलाई जानी है.

Highlights रेलवे ने हाल ही में निजी इकाइयों को उसके नेटवर्क पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिये आमंत्रित किया है। रेलवे निजी इकाइयों को यात्रियों से किराया वसूलने को लेकर आजादी देगी।इस परियोजना में निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है।

देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा और अडाणी के अलावा अलस्टॉम और अमेरिकी कंपनी नॉर्वेजियन क्रूज लाइन ने भारत में निजी ट्रेन चलाने में दिलचस्पी दिखाई है. सरकार ने देश में 151 ट्रेनों के निजीकरण का फैसला हाल ही में किया है. इसके बाद रेलवे ने 109 मार्गों पर 151 ट्रेनों के संचालन के लिए निजी कंपनियों से पात्रता अनुरोध (आरएफक्यू) मंगवाए थे. हालांकि, इंडिगो एयरलाइंस और यात्रा पोर्टल मेक-माई-ट्रिप का नाम भी इसमें आया है, पर दोनों ने फिलहाल आधिकारिक रूप से इससे इनकार किया है.

रेलवे के सूत्रों ने कहा कि 12 क्लस्टरों में ये ट्रेन चलाई जानी है. आरएफक्यू की मियाद सितंबर तक है. फरवरी तक निजी कंपनियों से टेंडर मंगवाए जाएंगे. अप्रैल में यह काम पूरा हो जाएगा. सूत्रों ने बताया कि टाटा-अडाणी के साथ भारत फोर्ज और आरके एसोसिएट्स और हॉटेलियर्स भी इस दौड़ में शामिल हैं. वे ट्रेन और डिब्बे खरीदने पर बात कर रहे हैं. रेलवे ने इन सभी कंपनियों से लॉकडाउन से पहले आरएफक्यू चरण के पूर्व की बैठक की थी.

ट्रेन इंजन और डिब्बे बनानेवाली कंपनी टैल्गो की भारतीय सब्सिडरी के एमडी सुब्रत नाथ ने कहा कि निजी कंपनियों के इस क्षेत्र में आने से डिब्बों की खरीद तेज और आसान होगा. मेक इन इंडिया के तहत हर कारखाने में करीब 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.

रेलवे का मानना है कि निजीकरण से वेटिंग लिस्ट छोटी होगी. 2019 में ट्रेनों से 840 करोड़ लोगों ने सफर किया, लेकिन रिजर्वेशन पानेवालों की कुल संख्या 5 करोड़ भी नहीं थी. अलस्टॉम में भारत एवं दक्षिण एशिया के एमडी एलन स्पोर ने कहा, ''जापान, जर्मनी, अमेरिका और कनाडा जैसे कई देशों में ट्रेन संचालन निजी हाथों में है. भारत में यह यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव देगा. हम यात्रियों को बेहतर और अनोखी सेवाएं देंगे. ''

अलस्टॉम हाईस्पीड ट्रेन, मेट्रो, ट्राम, ई-बस से लेकर एकीकृत प्रणाली बुनियादी ढांचा, सिग्नल, डिजिटल मोबिलिटी सॉल्यूशन देनेवाली कंपनी है. बेंगलुरु की ऑनलाइन ट्रेन टिकट डिस्कवरी और बुकिंग कंपनी 'कन्फर्मटिकट' के सहसंस्थापक एवं सीईओ दिनेश कोथा ने कहा, ''हर ट्रेन के पीछे कम से कम 200 करोड़ रुपए लगाने होंगे. चूंकि लायसेंस 35 साल का है, इसलिए निजी क्षेत्र के लिए बेहतरीन मौका है. हम इस परियोजना में ऑनलाइन ट्रेन एग्रीगेटर का काम कर सकते हैं. यानी 151 ट्रेनों के निजीकरण में करीब 30000 करोड़ रुपए का निवेश हो सकता है.

लॉकडाउन से पहले हुई बैठक में अदानी पोर्ट्स एंढ सेज, भारत फोर्ज, एस्सेल समूह, मित्सुई, गेटवे रेल फ्रेट, मैक्वायरी गु्रप, वृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स आदि समेत 26 कंपनियों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन, अलस्टॉम ट्रांसपोर्ट, सीमेंस, हुंडई रोटेम, टैल्गो, हिताची इंडिया एंड साउथ एशिया जैसी कंपनियों ने भी शिरकत की. 

Web Title: From Tatas to Adani, private players train sights on railway privatisation

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे