भारतीय वायुसेना को 23 सितंबर तक मिल जाएगा पहला राफेल लड़ाकू विमान, कायम होगी हवा में बादशाहत!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 24, 2019 08:12 AM2019-07-24T08:12:51+5:302019-07-24T08:12:51+5:30
फ्रांस सितंबर महीने के तीसरे हफ्ते तक भारतीय वायुसेना को पहला राफेल फाइटर प्लेन सौंप देगी। सभी 36 राफेल विमानों की डिलीवरी सितंबर 2022 तक हो जाएगी।
भारतीय वायुसेना को सितंबर महीने के तीसरे हफ्ते तक पहला राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने फ्रांस की सरकार से कहा है कि 36 राफेल विमानों में से पहले विमान की डिलीवरी सितंबर के तीसरे हफ्ते में कर देनी चाहिए। गौरतलब है कि भारत ने 23 सितंबर 2016 को 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। सभी विमानों की डिलीवरी सितंबर 2022 तक हो जानी है।
राफेल विमान को सौंपने की औपचारिकताएं सितंबर में पूरी कर ली जाएंगी लेकिन चार राफेल विमानों का पहला जत्था अगले साल अप्रैल-मई में अपने होम बेस से उड़ान भर सकेगा। 2022 तक सभी विमानों की डिलीवरी हो जाएगी। भारतीय वायुसेना को मजबूत करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
इससे पहले फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर ज़ीगलर ने भी कहा था कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान दो महीनों के अंदर सौंप दिया जाएगा और यह बिल्कुल समय पर मिलेगा। ज़ीगलर ने बताया कि भारतीय वायुसेना को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान अगले दो साल में सौंप दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायु सेना को पहला राफेल लड़ाकू विमान अब से ठीक दो महीने में सौंप दिया जाएगा, मुझे लगता है यह सितंबर में होगा, बिल्कुल समय पर। वहीं, 36 विमान अगले दो साल में आएंगे।’’
ज़ीगलर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के साथ हमारी 50 साल की यह साझेदारी अगले 50 साल की साझेदारी में विकसित होगी।’’ उन्होंने लड़ाकू विमान (राफेल) के बारे में कहा कि यह एक शानदार विमान है। ‘‘इसे भारत ने चुना, जिससे हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह भारतीय वायुसेना की क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा।’’
पिछले 22 सालों में राफेल पहला आयातित फाइटर जेट होगा। इससे पहले रूस से सुखोई-30 विमान खरीदे गए थे। यह 1997 से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल है। भारतीय वायुसेना के पायलट्स और टेक्नीशियन्स पेरिस में राफेल विमान की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन्हीं की जिम्मेदारी है कि राफेल विमानों को भारत पहुंचाया जाए।