जम्मू-कश्मीर में और चार नेता रिहा, अभी 20 हैं कैद, जनवरी के अंत तक होंगे बाहर, महबूबा-फारूक-उमर प्रशासन की चुप्पी 

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 17, 2020 03:43 PM2020-01-17T15:43:26+5:302020-01-17T15:43:26+5:30

जम्मू-कश्मीरः शुक्रवार दोपहर रिहा किए गए नेताओं में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल हक खान, कांग्रेस नेता हाजी अब्दुल रशीद, नेकां नेता नजीर अहमद गुरेजी और पीपुल्स कांफ्रेंस नेता मोहम्मद अब्बास वानी शामिल हैं।

Four more political leaders released in Jammu and Kashmir on friday | जम्मू-कश्मीर में और चार नेता रिहा, अभी 20 हैं कैद, जनवरी के अंत तक होंगे बाहर, महबूबा-फारूक-उमर प्रशासन की चुप्पी 

File Photo

Highlightsजम्मू कश्मीर प्रशासन ने चार और नेताओं को शुक्रवार दोपहर को रिहा कर दिया।अधिकारियों का दावा है कि अभी 20 और नेता कैद में हैं जिन्हें इस महीने के अंत तक रिहा कर दिया जाएगा।

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने चार और उन नेताओं को शुक्रवार दोपहर को रिहा कर दिया जिन्हें पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद हिरासत में ले लिया गया था। अधिकारियों का दावा है कि अभी 20 और नेता कैद में हैं जिन्हें इस महीने के अंत तक रिहा कर दिया जाएगा। पर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल तथा भाजपा सरकार में मंत्री रहे तथा अपने आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटा भाई बताने वाले सज्जाद गनी लोन की रिहाई कब होगी, फिलहाल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।

यह सच है कि करीब पांच महीने बाद प्रशासन ने कश्मीर में नजरबंद नेताओं को रिहा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। केंद्रीय मंत्रियों के जम्मू कश्मीर दौरे से पूर्व वीरवार को पांच नेताओं को रिहा जाने के बाद आज शुक्रवार को प्रशासन ने चार और नेताओं को रिहा कर दिया है। रिहा किए जाने वाले नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और कांग्रेस का एक-एक नेता शामिल है। कुल मिलाकर इन दो दिनों में नजरबंद नौ कश्मीरी नेताओं को रिहा कर दिया गया है।

शुक्रवार दोपहर रिहा किए गए नेताओं में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल हक खान, कांग्रेस नेता हाजी अब्दुल रशीद, नेकां नेता नजीर अहमद गुरेजी और पीपुल्स कांफ्रेंस नेता मोहम्मद अब्बास वानी शामिल हैं।

गत वीरवार को प्रशासन ने दो पूर्व विधायकों सहित पांच नेताओं को रिहा किया था। ये नेता भी पांच अगस्त को हिरासत में लिए गए थे। इनमें पहलगाम से नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ अहमद कालू, नेकां की युवा इकाई के प्रदेश प्रधान, श्रीनगर नगर निगम के पूर्व मेयर सलमान सागर, शौकत गनई, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व विधायक निजामदीन बट और मुख्तार बाबा शामिल थे। शुक्रवार को रिहा किए गए नेता अपने-अपने घरों में ही नजरबंद थे। हालांकि उप जेल एमएलए हास्टल में अभी हिरासत में रखे नेताओं की संख्या लगभग 21 है।

इसके अलावा हिरासत में रखे गए तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के शाह फैसल फिलहाल बंद ही रहेंगे।

पांच अगस्त को हिरासत में लिए गए और अब रिहा किए जाने वाले नेताओं को हालात सामान्य बनाए रखने में सहयोग करने व भड़काऊ बयानबाजी न करने का बांड भरना होता है, लेकिन रिहा नेताओं ने बांड भरा है या नहीं। इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की थी। 

अधिकारियों ने कहा कि बिना बांड कोई रिहाई नहीं होती। नेकां व पीडीपी के पांच नेताओं को रिहा करने से पूर्व तीन जनवरी को प्रशासन ने पीडीपी के पूर्व विधायक मुहम्मद अशरफ मीर, रफीक मीर को मुक्त कर दिया था। 30 दिसंबर को नेकां, कांग्रेस व पीडीपी को रिहा किया है।

57 नेताओं को पहले शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर स्थित सेंटूर होटल में रखा था। हालात में बेहतरी के आधार पर विभिन्न नेताओं को सशर्त रिहा करने की प्रक्रिया अगस्त के अंत में शुरूहुई। पहली नवंबर को जब सबजेल एमएलए होस्टल में हिरासत में लिए नेताओं को स्थानांतरित किया गया तो उनकी संख्या लगभग तीन दर्जन रह गई थी। इसी क्रम में पांच नेताओं को रिहा किया है।

Web Title: Four more political leaders released in Jammu and Kashmir on friday

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