पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को झटका, अदालत ने जबरन वसूली मामले में भगोड़ा घोषित किया

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 17, 2021 06:04 PM2021-11-17T18:04:44+5:302021-11-17T20:19:27+5:30

सरकारी वकील ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह का कोई अता-पता नहीं है और इस कदम से जांच एजेंसी को उन्हें ढूंढने में मदद मिलेगी।

former police commissioner Parambir Singh court declared fugitive in extortion case | पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को झटका, अदालत ने जबरन वसूली मामले में भगोड़ा घोषित किया

2021 तक उसके दो बार और रेस्त्रों पर छापा न मारने के बदले में नौ लाख रुपये लिए।

Highlightsआरोपियों विजय सिंह तथा रियाज भट के खिलाफ भी ऐसा ही आदेश दिए जाने की मांग कर रही है।2.92 लाख रुपये की कीमत के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी विवश किया। 

मुंबईः मुंबई की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज वसूली के एक मामले में बुधवार को ‘‘फरार घोषित’’ किया।

मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने यह कहते हुए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने का अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत अदालत द्वारा उद्घोषणा प्रकाशित किए जाने पर आरोपी को हाजिर होने की आवश्यकता होती है अगर उसके खिलाफ जारी वारंट की तामील नहीं हो पाई है। धारा 83 के तहत उद्घोषणा प्रकाशित किए जाने के बाद अदालत एक आरोपी की संपत्ति जब्त करने का आदेश दे सकता है।

गोरेगांव थाने में दर्ज मामले में पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे भी आरोपी है। परमबीर सिंह के अलावा सह आरोपी विनय सिंह और रियाज भट्टी को भी अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस बी भाजीपले ने ‘फरार घोषित’ किया है।

रियल एस्टेट डेवलपर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने दो बार और रेस्तरां पर छापेमारी नहीं करने के लिए उनसे नौ लाख रुपये की वसूली की। उन्होंने दावा किया था कि ये घटनाएं जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई थीं।

अग्रवाल की शिकायत के बाद छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 और 385 (दोनों जबरन वसूली से संबंधित) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। सिंह के खिलाफ ठाणे में भी वसूली का मामला दर्ज है। मामले में वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था।

Web Title: former police commissioner Parambir Singh court declared fugitive in extortion case

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